एसपी मित्तल दावा किया जा रहा है कि 12 जुलाई को नागौर जिले के सांवराद गांव में राजपूत और रावणा राजपूत समाज के कोई 1 लाख लोग एकत्रित होकर...
एसपी मित्तल
दावा किया जा रहा है कि 12 जुलाई को नागौर जिले के सांवराद गांव में राजपूत और रावणा राजपूत समाज के कोई 1 लाख लोग एकत्रित होकर श्रद्धाजंलि सभा करेंगे।
यह सभा कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के एन्काउंटर के विरोध में की जाएगी। इस सभा के माध्यम से ही एन्काउंटर की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। आनंदपाल का शव सांवराद गांव में ही पिछले 18 दिनों से रखा हुआ है। समाज के लोग राज्यसरकार के रूख से भी बेहद खफा हंै।
कहा तो यह जा रहा है कि यह समाज का शक्ति प्रदर्शन है, लेकिन चर्चा इस बात की भी है कि 1 लाख लोगों की उपस्थिति में आनंदपाल के शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया जाए। समाज के प्रभावशाली प्रतिनिधियों की यह भी नाराजगी है कि सरकार ने राजपूत समाज को गंभीरता के साथ नहीं लिया। आनंदपाल के प्रति समर्थन जताने के लिए ही सांवराद में इतनी बड़ी संख्या में लोगों को एकत्रित करने का निर्णय लिया गया है।
हालात तनावपूर्ण :
पिछले 18 दिनों से शव के रखे रहने और 12 जुलाई को 1 लाख लोगों के जमा होने से प्रदेश के नागौर, चुरु, बीकानेर और अजमेर जिलों में तनावपूर्ण हालात हो गए हैं। अफवाहों को रोकने के लिए प्रशासन ने नागौर और बीकानेर में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। सरकार को आशंका है कि 12 जुलाई को जब बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होंगे तो हालात बिगड़ सकते है।
सरकार को समाज के लोगों में आपसी टकराव की भी आशंका है, लेकिन समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि समाज में अब आपसी विवाद नहीं होगा। हालांकि सरकार ने विवाद कराने की कोशिश की थी, लेकिन पूरा समाज आनंदपाल के मुद्दे पर एकजुट है। 12 जुलाई को अधिक से अधिक लोगों की उपस्थिति के लिए 11 जुलाई को अनेक जिलों में राजपूत और रावणा राजपूत समाज की बैठकें हुई है। इन बैठकों में यह भी रणनीति बनाई गई कि यदि पुलिस ने लोगों को सांवराद गांव जाने से रोका तो कौन सा रास्ता अपनाया जाएगा।