एसपी मित्तल राजपूत समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों ने 12 जुलाई को नागौर जिले के सांवरदा गांव में श्रद्धाजंलि सभा करने की घोषणा की है। सां...
एसपी मित्तल
राजपूत समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों ने 12 जुलाई को नागौर जिले के सांवरदा गांव में श्रद्धाजंलि सभा करने की घोषणा की है। सांवराद गांव में ही कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह का शव पिछले 17 दिनों से रखा हुआ है। गत 24 जून को पुलिस एनकाउंटर में आनंदपाल मारा गया था। परिजन और राजपूत समाज एनकाउंटर की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहा है।
चूंकि सरकार मांग को पूरा नहीं कर रही है इसलिए शव का अंतिम संस्कार अभी तक भी नहीं किया गया है। आमतौर पर शोक सभा अथवा श्रद्धाजंलि सभा अंतिम संस्कार के बाद ही होती है। सरकार ने अभी तक भी ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है, जिसमें सीबीआई जांच का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा जा रहा हो। परिजन और राजपूत समाज भी झुकने को तैयार नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आनंदपाल के शव को रख कर ही श्रद्धाजंलि सभा होगी?
हालांकि अभी तक भी प्रशासन ने सांवराद गांव में किसी सभा की अनुमति नहीं दी है, लेकिन राजपूत और रावणा राजपूत समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में एकत्रित करने की योजना बनाई है। यदि प्रशासन अनुमति नहीं देता है तो देखना है कि हजारों की भीड़ से पुलिस कैसे निपटती है। जानकारों का कहना है कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए ही श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन किया गया है। देखना होगा कि सरकार कितने दबाव में आती है।
हालांकि सरकार के अभी तक के रूख से जाहिर होता है कि सरकार सीबीआई से जांच नहीं करवाएगी। हालांकि गृहमंत्री के माध्यम से हुई बातचीत में एटीएस से जांच का प्रस्ताव रखा गया है।
खराब हो रहा है शव :
नागौर का सांवराद गांव ही आनंदपाल का पैतृक गांव है इसलिए शव को घर में ही रखा है। हालांकि शव डी-फ्रीज में रखा है, लेकिन फिर भी शव में संक्रमण हो रहा है। चिकित्सकों ने प्रशासन के साथ-साथ परिजनों को भी आगाह कर दिया है। सरकार फिलहाल ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती, जिससे नागौर जिले की कानून व्यवस्था बिगड़े। यही वजह है कि अभी तक भी प्रशासनिक स्तर पर अंतिम संस्कार करवाने का प्रयास नहीं किया गया है। सरकार चाहती है कि परिजन ही शव स्वेच्छा से का अंतिम संस्कार करें।