अमरनाथ यात्रियों पर हमला हुआ अबतक 7 लोग मारे गए हैं करीब दर्जन भर घायल हैं, बस यात्री अभी भी क्रास फायरिंग में फंसे हुए हैं ऐसे में हताह...
अमरनाथ यात्रियों पर हमला हुआ अबतक 7 लोग मारे गए हैं करीब दर्जन भर घायल हैं, बस यात्री अभी भी क्रास फायरिंग में फंसे हुए हैं ऐसे में हताहतों की संख्या बढ़ भी सकती है । अब मेरा सवाल है कि यह आतंकी हमला आमतौर पर होने वाले आतंकी हमलो जैसा है या इसके पीछे कोई बड़ा प्रोपोगंडा है ?
यह सवाल मेरे मन में इसलिए उठ रहा है क्योंकि जिस बस पर आतंकियों ने हमला किया वह बस गुजरात की है, दूसरी बात यह बस श्राइन बोर्ड यानी कि जो संस्था अमरनाथ यात्रा को संचालित करती है उसमे कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं थी । तीसरी बात यह कि शाम ढलते ही इस रूट पर यात्रियों का आवागमन पूरी तरह रोक दिया जाता है उसके बाद यह सवाल और भी गंभीर हो जाता है यात्रियों से भरी यह बस बालटाल अनंतनाग से होते हुए जम्मू की तरफ चली जाती है और पूरे रास्ते में चाक-चौबंद सुरक्षा होने के बावजूद किसी ने रोका क्यों नहीं जबकि इस रूट पर हर नुक्कड़ पर हर चौराहे पर सुरक्षाकर्मी सेना के जवान पुलिस फोर्स मिल जाएगी उसके बावजूद बिना रुके यह बस नियमों को धता बताते हुए यात्रियों की जान को खतरे में डालते हुए आगे बढ़ती चली जाती है । आखिर क्यों ... इस दुस्साहस का कारण क्या था ?
क्या इन हमलों की पटकथा लिखी गई थी ? अमरनाथ यात्रा का नियम है कि प्रत्येक यात्री का रजिस्ट्रेशन होता है और अनरजिस्टर्ड यात्रियों को अलाउ नहीं किया जाता फिर यह कैसे संभव हुआ यात्रियों से भरी एक बस सुरक्षाकर्मियों को धोका देते हुए उसी रूट पर जो कि सबसे खतरनाक है जो आतंकवाद का गढ़ है जहां पर सबसे ज्यादा आतंकवादी हमले होते हैं आगे बढ़ती जाती है सब सुरक्षाकर्मी आंखें मूंद लेते हैं । इतने बड़े रूट में सुरक्षाकर्मी इस बस को नहीं रोकते नहीं टोकते उनकी ID नहीं चेक करते तो क्या वह भी इस साजिश में शामिल थे ? या बस कर्मियों ने या बस में बैठे लोगों ने सुरक्षा कर्मियों को कोई प्रलोभन दिया, किसी तरह का लालच दिया या कमीशन दिया जो बिना रोक-टोक वह आगे बढ़ते गए ?
मेरा सवाल यह भी है कि कहीं उसकी पटकथा गुजरात में ही तो नहीं लिखी गई ? उस व्यक्ति को पहचानने की जरूरत है उस संस्था को पहचानने की जरूरत है जिसने इन भोले भाले लोगों को बहलाकर फुसलाकर गैर कानूनी तरीके से अमरनाथ यात्रा पर आमादा किया अगर निष्पक्ष जांच की जाए तो मुझे पूरी उम्मीद है इस हमले के पीछे यात्रा आयोजित करने वाला ही मास्टरमाइंड निकलेगा ।
यदि वाकई में मेरा अनुमान सत्य है तो एक सवाल मेरे दिमाग में और पैदा होता है कि आखिर इस हमले की योजना क्यों बनाई गई इसके पीछे मकसद क्या है ? क्या यह हमला करवाने वाले लोग पूरे देश में कश्मीर की छवि खराब करना चाहते हैं, पूरे देश में कश्मीर और कश्मीरियों के खिलाफ माहौल बनाना चाहते हैं ? क्योंकि जहां 45000 सुरक्षाकर्मी मौजूद हो वहां इस तरह की घटना कतई भी स्वीकार नहीं की जा सकती कि मात्र दो आतंकवादी 45000 सुरक्षाकर्मियों को ठेंगा दिखाते हुए लोगों को भून के रख दें । ज्ञात रहे कि आतंकियों ने पहले ही हमले की धमकी दी थी और इस बार आतंकियों के अलावा स्टोन पेंटिंग का भी ख़तरा अधिक था फिर ये चूक क्यूँ और कैसे हुई इसके जवाब में ही सारा खेल छुपा हुआ है ।
अबरार खान की फेसबुक वाल से