नई दिल्ली। द इंडिपेंडेंट न्यूज़ के अनुसार अमेरिका में किसी मुस्लिम द्वारा आतंकी हमला होने पर , गैर मुस्लिम द्वारा किये गए आतंकी हमले की त...
नई दिल्ली। द इंडिपेंडेंट न्यूज़ के अनुसार अमेरिका में किसी मुस्लिम द्वारा आतंकी हमला होने पर , गैर मुस्लिम द्वारा किये गए आतंकी हमले की तुलना में, मिडिया पांच गुना ज़्यादा तवज्जोह और कवरेज देता है।
यह नतीजा 2011 से 2015 के बीच हुए अमेरिका में आतंकी हमले और मिडिया कवरेज को साथ साथ मिलाकर देखने के बाद निकला। रिपोर्ट का नाम है "Why Do Some Terrorist Attacks Receive More Media Attention Than Others?" यानी "क्यों कुछ आतंकी घटनाओ को मिडिया अन्य आतंकी घटनाओ से ज़्यादा कवरेज देता है ?"
यह अध्धयन जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने की है। रिपोर्ट आगे बताती है कि किसी भी आतंकी घटना को अचानक 449 प्रतिशत ज़्यादा मिडिया अटेंशन मिलता है जब वह घटना कोई मुस्लिम करता है।
जबकि हकीकत यह है कि 2001 से 2015 के बीच मात्र 12.4 प्रतिशत हमले ही किसी मुस्लिम ने किये है लेकिन इन घटनाओ को 41.4 प्रतिशत मिडिया कवरेज मिला है।
अपनी बात को सही साबित करते हुए स्टडी बताती है कि बोस्टन मैराथन बमबारी, जिसमे 2 मुस्लिम शामिल थे , को कुल मिडिया कवरेज का 20 प्रतिशत कवरेज मिला।
इस बोस्टन बमबारी के कवरेज के अनुपात में विस्कॉन्सिन गुरद्वारा हमले को केवल 3.8 फीसद ही कवरेज मिला क्योकि यह एक गोर ने किया था।
स्टडी कहती है कि इस तरह का असंगत कवरेज पत्रकारों द्वारा जानबूझ कर किया जाता है या नहीं , लेकिन इस तरह कि कवरेज समाज में यह सन्देश देती है कि समाज को किससे और क्या से डरना है।
इस स्टडी के शोधकर्ता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान को भी गलत बताते है जो उन्होंने फ़रवरी में यह कहते हुए दिया था कि मिडिया मुसलमानो द्वारा किये गए हमलो को दिखाता नहीं है।
मुसलमानो द्वारा किये गए हमलो को अन्य की तुलना में ज़्यादा दिखाने से, मिडिया इस दर्शन को प्रचलित करता है कि मुस्लिम ही आतंकी है जबकि यह बात स्पष्ट होने के बात इसमें कोई अचम्भा नहीं कि क्यों एक आम अमेरिकी इस्लामी टेररिज्म से ज़्यादा डरता है।