अमन पठान अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले में 7 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई। इस निंदनीय घटना के बाद सोशल मीडिया पर भड़क...
अमन पठान
अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले में 7 अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई। इस निंदनीय घटना के बाद सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट की बाढ़ आ गई। सबके निशाने पर आतंकवादी नही मुसलमान थे। मैं दावे के साथ तो कह नही कह सकता हमलावर आतंकी किस धर्म के थे, लेकिन ये दावे के साथ कह रहा हूँ कि अमरनाथ यात्रियों की जान बचाने वाला मुसलमान था।
चलिए सोशल मीडिया पर पोस्ट हो रहीं पोस्ट से मान लेते हैं कि आतंकी मुसलमान थे तो आप यह भी जान लीजिए अगर अमरनाथ यात्रियों को मारने वाले मुसलमान थे तो उन्हें बचाने वाला भी सलीम मुसलमान ही था। आतंकवाद को धर्म से जोड़कर उसे कट्टरता के चश्मे से न देखें। आतंकवाद को कट्टर धार्मिकता के चश्में से देखने वालों को हर आतंकवादी मुसलमान ही नजर आता है।
कल जम्मू कश्मीर पुलिस ने लश्कर के आतंकी संदीप शर्मा को जिंदा गिरफ्तार किया। कुछ मीडिया संस्थानों ने उसे हिन्दू आतंकी बताते हुए समाचार प्रकाशित किये। कट्टरवादियों को मीडिया की खबर इतनी नागवार गुजरी कि उन्होंने आतंकी संदीप शर्मा को मुसलमान साबित कर दिया। कुछ मीडिया संस्थान आतंकी संदीप शर्मा को हिन्दू मानने के लिए तैयार ही नही हैं। उनका कहना है कि कश्मीरी लड़की के इश्क में संदीप शर्मा ने इस्लाम कुबूल कर लिया है। इसलिए वह मुसलमान है।
वाह गजब! अब तक सुना था कि इश्क निकम्मा बना देता है, लेकिन संदीप शर्मा को तो इश्क ने आतंकी बना दिया। चलिए ये भी मान लेते हैं कि संदीप शर्मा इस्लाम कुबूल करने के बाद आदिल बन गया। क्या संदीप की धार्मिक आस्था इतनी कमजोर थी जो इश्क उस पर इतना हावी हो गया कि इस्लाम ही कुबूल कर लिया और मानवता को भी मारकर आतंकी बन गया। ऐसे इश्क पर धिक्कार है जो इंसान न दीन का रहे न दुनिया का?
(लेखक केयर ऑफ मीडिया के संपादक हैं)