अमन पठान एटा। दूसरों के उत्पीड़न की आवाज उठाने वाले पत्रकार खुद उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। उसका मूल कारण है पत्रकारों की खंडता? कहने क...
अमन पठान
एटा। दूसरों के उत्पीड़न की आवाज उठाने वाले पत्रकार खुद उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। उसका मूल कारण है पत्रकारों की खंडता? कहने के लिए एटा में पत्रकारों की भारी भरकम फ़ौज है, लेकिन ये निकम्मी फ़ौज पत्रकारों के लिए किसी काम की नही है। एक के बाद एक पत्रकारों के उत्पीड़न के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। आरोपियों पर ठोस कार्रवाई न होने के कारण दबंगों के हौसले बुलंद हैं।
सहकारी संघ लिमिटेड अवागढ़ में हुई चोरी की कवरेज करने गए पत्रकार वीर बहादुर के साथ शराब की कैंटीन संचालक डम्पी ठाकुर ने अभ्रदता की। विरोध करने पर मामला मारपीट तक पहुंच गया। वहीं आरोपी ने पत्रकार के अलावा सहकारी समिति के कर्मचारी को भी जाति सूचक गालियों से नवाजा।
पत्रकार जब मामले की शिकायत करने थाने पहुंचा तो थाने के गेट पर दो सिपाहियों ने जो सुलूक किया वो निंदनीय है। वायरल वीडियो के मुताबिक पत्रकार पुलिसवालों से अपनी समस्या बता रहा है। एक पुलिसवाले ने कहा कि तू ज्यादा बड़ा पत्रकार है पहले कैमरे को बंद कर ले? पत्रकार के मुताबिक कैमरा बंद होने के बाद सिपाहियों ने उसके साथ मारपीट कर डाली।
जब पत्रकार ने इन दोनों मामलों की शिकायत थाना प्रभारी केके मिश्र से की तो उन्होंने कहा कि मैं अपना काम करूँ या तुम्हारी फालतू की शिकायत की जांच करूँ। लिहाजा न्याय की आस लिए थाने गए पत्रकार को अपना सा मुंह लेकर थाने से निराश लौटना पड़ा। अब तक एटा में ऐसे कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं, लेकिन आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई न होने के कारण पत्रकारों के उत्पीड़न में लगातार इजाफा हो रहा है। एटा के पत्रकार मूकदर्शक बने हुए हैं।