विराज ठाकुर ने 2 दिन पूर्व जिलाधिकारी को भी दिया था ज्ञापन* *प्रदेश में 70% विवाद की जड़ है कानूनगो और लेखपाल :विराज ठाकुर. जौनपुर ।हिन्दू य...
विराज ठाकुर ने 2 दिन पूर्व जिलाधिकारी को भी दिया था ज्ञापन*
*प्रदेश में 70% विवाद की जड़ है कानूनगो और लेखपाल :विराज ठाकुर.
जौनपुर ।हिन्दू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष विराज ठाकुर ने जिलाधिकारी संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा व् इलेक्ट्रानिक मिडिया के समक्ष उन्होंने कहा आज प्रदेश में जो भी अराजकता का माहौल है उसके पीछे का कारण कानूनगो और लेखपाल है ।मेरे पास हर रोज़ 15 से 20 प्रकरण जमीन विवाद के आते है ।जमीन के विवाद से गाली गलौज, मारपीट ,अपहरण ,हत्या जैसे अपराध हो रहे है ।कोई भी व्यक्ति अगर 10 लाख की ज़ामिन लेता है उसमे से अगर10 हज़ार कानूनगो और लेखपाल को नही दिया तो आप मान लीजिए की अपनी जमीनअपने कब्ज़ा नही ले सकते । अपने 10 हज़ार के लिए लोगों की 10 लाख की जमीन फसा देते है ये लोग साफ सुथरे मामले को भी उलझा देते है।
शहरीय क्षेत्र के सभी लेखपालों की आय से अधिक संम्पत्ति में जांच की जाये क्यों की शहरीय क्षेत्र के ज्यादातर लेखपाल गरीब लोगों की जमीन फसां कर खुद प्लॉटिंग कर मोटी रकम कमा रहे है ।
10 साल से लोग एक ही जगह पर कार्यरत है जब भी इनका ट्रांफर दूसरे तहसील में होता है तो लोग पैसे के बलपर पैरवी के माध्य्म से ये लोग 3,4 महीने बाद पुनः मनचाहे जगह पर आजाते है ।
कानूनगो और लेखपालों के लिए भी एक विशेष कानून बनाने की आवस्यकता है जिससे जमीन विवाद से उत्पन्न अपराध पर लगाम लग सके!
*प्रदेश में 70% विवाद की जड़ है कानूनगो और लेखपाल :विराज ठाकुर.
जौनपुर ।हिन्दू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष विराज ठाकुर ने जिलाधिकारी संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा व् इलेक्ट्रानिक मिडिया के समक्ष उन्होंने कहा आज प्रदेश में जो भी अराजकता का माहौल है उसके पीछे का कारण कानूनगो और लेखपाल है ।मेरे पास हर रोज़ 15 से 20 प्रकरण जमीन विवाद के आते है ।जमीन के विवाद से गाली गलौज, मारपीट ,अपहरण ,हत्या जैसे अपराध हो रहे है ।कोई भी व्यक्ति अगर 10 लाख की ज़ामिन लेता है उसमे से अगर10 हज़ार कानूनगो और लेखपाल को नही दिया तो आप मान लीजिए की अपनी जमीनअपने कब्ज़ा नही ले सकते । अपने 10 हज़ार के लिए लोगों की 10 लाख की जमीन फसा देते है ये लोग साफ सुथरे मामले को भी उलझा देते है।
शहरीय क्षेत्र के सभी लेखपालों की आय से अधिक संम्पत्ति में जांच की जाये क्यों की शहरीय क्षेत्र के ज्यादातर लेखपाल गरीब लोगों की जमीन फसां कर खुद प्लॉटिंग कर मोटी रकम कमा रहे है ।
10 साल से लोग एक ही जगह पर कार्यरत है जब भी इनका ट्रांफर दूसरे तहसील में होता है तो लोग पैसे के बलपर पैरवी के माध्य्म से ये लोग 3,4 महीने बाद पुनः मनचाहे जगह पर आजाते है ।
कानूनगो और लेखपालों के लिए भी एक विशेष कानून बनाने की आवस्यकता है जिससे जमीन विवाद से उत्पन्न अपराध पर लगाम लग सके!