शाहजहांपुर। राष्ट्रीयकृत बैंको के कर्मियों से ग्राहकों के साथ अभद्र व्यवहार करने की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है। बैंकों में ख...
शाहजहांपुर। राष्ट्रीयकृत बैंको के कर्मियों से ग्राहकों के साथ अभद्र व्यवहार करने की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है। बैंकों में खाता धारकों के साथ बैंक कर्मी सीधे मुंह बात करना पसंद नही करते है।
अगर कोई ग्रामीण खाता धारक बैंक कर्मी से धोके से कुछ पूछ लें तो बैंक कर्मी उसको लताड़ डालते है। ऐसा ही एक मामला मोहल्ला ताजू खेल निवासी सुरेंद्र पाल सक्सेना ने डीएम को दिये शिकायती पत्र में बताया कि वो अपनी पुत्री के विद्यालय में दाखिले हेतु ड्राफ्ट बनबाने टाउन हॉल स्थित भारतीय स्टेट बैंक गए। उन्होंने बताया कि वो सम्बंधित कांउटर से फार्म लेकर भरकर सम्बंधित बाबू को चेक के साथ प्रस्तुत किया।
बाबू ने काम ज्यादा होने का हबाला देकर ड्राफ्ट बनाने से इंकार कर दिया। तो शिकायतकर्ता ने कल अवकाश होने की बात कहते हुए कहा कि 9 जुलाई को ड्राफ्ट जमा करना है। जिस पर बाबू भड़क गया और न बनाने पर अड़ गया। उसके बाद सुरेंद्र पाल बैंक मैनेजर के पास गए और अपनी बात बताई। लेकिन मैनेजर ने बाबू का पक्ष लेते हुए ड्राफ्ट बनबाने से मना कर दिया।
जब उन्होंने विरोध जताया तो मैनेजर ने केविन से बाहर भगाते हुए अभद्र व्यवहार करते हुए कहा कि जहां भी जाना हो जाओ। चाहे मोदी के पास जाओ चाहे योगी के पास जाओ आज ड्राफ्ट नही बनेगा। जो करा पाना करा लेना। जबकि सुरेंद्र पाल सक्सेना उक्त बैंक में खाता धारक भी है।