सूर्य प्रताप सिंह उ. प्र. के VIP गुंडे, आज भी गुंडागर्दी पर उतारू हैं....क्या आज भी यहाँ क़ानून का नहीं, अपराधियों से रिश्तों का '...
सूर्य प्रताप सिंह
उ. प्र. के VIP गुंडे, आज भी गुंडागर्दी पर उतारू हैं....क्या आज भी यहाँ क़ानून का नहीं, अपराधियों से रिश्तों का 'राजधर्म' चलता है ?
अपर्णा यादव की संस्था 'जीवाश्र' के गुंडों पर मेरे घर पर रात १ जून को हुए हमले के गहराते शक का सच ....
मैंने जीवाश्र संस्था द्वारा संचालित 'कान्हा उपवन' के रु.१५०० करोड़ क़ीमत वाली ५४ एकड़ सरकारी ज़मीन पर 'मुलायम परिवार' के क़ब्ज़े के बारे में ६ मई को FB पर लिखा था ...इस संस्था द्वारा एक और १२० बीघा सरकारी पर चरागाह के नाम पर क़ब्ज़ा किया गया है। जिसको अख़बारों व विज़ूअल मीडिया ने बड़ी ख़बर बनाया था। जिससे कुपित होकर जीवाश्र के गुंडों ने मेरे घर पर हमला बोला था..... सीसीटीवी कैमरे में अमित सहगल की 'ट्रैवल एजेन्सी' की दिल्ली में पंजीकृत टॉयोटा गाड़ी क़ैद है। इस हमले में अमित सहगल और उसके बग़लगीर गुंडे- चयन त्रिवेदी, गोकुल बंकर,यतेंद्र त्रिवेदी आदि शामिल हैं .... यह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की जानकारी में आ चुका है.......अपने को CM योगी की बहन बताने वाली मुलायम परिवार की छोटी बहू 'अपर्णा यादव' के संरक्षण के कारण पुलिस अभी तक इन गुंडों को गिरफ़्तार नहीं कर पायी है। संदिग्ध अपराधी अमित सहगल की एक live FB पोस्ट पर व्यक्तिगत प्रतिरोध/धमकी दर्शाता अंकित स्टोरी/ विडीओ भी उपलब्ध है। संदर्भ:
हाल ही में आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर की RTI में खुलासा हुआ है कि उप्र गो सेवा आयोग ने वित्तीय वर्ष 2012-2017 के 5 सालों में गोशालाओं को कुल 9.66 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जिसमे से 86.4% अर्थात रु. 8.35 करोड़ अनुदान अकेले अपर्णा यादव की अनुभवहीन संस्था 'जीवाश्र' को अखिलेश यादव सरकार ने दिया गया, जबकि प्रदेश में कुल ४६२ गौशालाएँ हैं।
जीवाश्र के घोटालों को छुपाने लिए अपर्णा यादव मुख्यमंत्री योगी जी व तत्कालीन मेअर/ उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा जी को एक षड्यंत्र के तहत 'कान्हा उपवन' ले गए थे .....CM योगी बहन-भाई का रिश्ता भी निकाला गया था। हमें भरोसा है कि CM योगी इस तरह के सपाई पैटर्न वाले भ्रष्टाचार व अपराधियों को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे....चार्ज लेते समय DGP सुलखान सिंह ने भी कहा था कि 'VIP गुंडे व अपराधी भी नहीं बख्शे जाएँगे'....CM योगी ने कहा था कि 'उ. प्र. में अब गुंडों की ख़ैर नहीं, गुंडे प्रदेश से बाहर चले जाएँ ता फिर जेल की सलाखों के पीछे होंगे'......
अब देखते हैं कि कितनी जल्दी उ.प्र. सरकार संस्था के घोटालों की CBI जाँच कराती है और मेरे घर पर हुए हमले के अपराधियों व षड्यंत्रकारियों को गिरफ़्तार करती है.....सरकार के लिए बड़ी चुनौती है......मुलायम परिवार की भाजपा के बड़े नेताओं को साधने की कोशिशें कई बार प्रकाश में आती रहती हैं......देखना होगा कि व्यक्तिगत राजनीतिक रिश्तों व राजधर्म के बीच में योगी सरकार किसको चुनती है ?
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FB पोस्ट: Surya Pratap Singh, ६ मई:
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ऊपर जा कर सब कुछ 'धुँधला' क्यों हो जाता है, दोस्तों.. ...'उ.प्र. में कान्हा उपवन घोटाला'.....मुलायम परिवार का गंदा धंधा !
'कान्हा उपवन'-जीवाश्रय गौशाला के नाम पर नगर निगम लखनऊ की रु. १५०० करोड़ क़ीमत की 54 एकड़ ज़मीन पर किए गए 'मुलायम परिवार' के अवैध क़ब्ज़े को क्या CM योगी का 'एंटी-भूमाफ़िया ऑपरेशन' ख़ाली करा पाएगा ?
(लेखक पूर्व आईएएस अधिकारी हैं)