इसरार अहमद/साबिर हुसैन श्रावस्ती।योगी सरकार में भू- माफियाओं की पौ बारह है तभी तो प्रसाशन और पुलिस मूक-दर्शक बनी हुयी है और पीड़ित न्याय की आ...
इसरार अहमद/साबिर हुसैन
श्रावस्ती।योगी सरकार में भू- माफियाओं की पौ बारह है तभी तो प्रसाशन और पुलिस मूक-दर्शक बनी हुयी है और पीड़ित न्याय की आस में दर-दर भटक रहे है।
जी हाँ ऐसा ही एक मामला श्रावस्ती जिले के थाना मल्हीपुर के क्षेत्र रानीसीर गाँव का है।जहां पर गाँव के निवासी शयजहां पत्नी महताब व हसीबुल पत्नी मैनुद्दीन ने 16/10/15 पूरा रुपया देकर को खैरुल निशा पत्नी रहमत अली से जमीन लिया था।जिसपर दाखिल खारिज के साथ-साथ खरीदने वाले का कब्ज़ा भी हो गया था। लेकिन उक्त बैनामा(बेचने वाली) करने वाली औरत खैरुल निशा का इंतकाल हो जाने के बाद उसके पुत्रो ने बची जमीन को सोमपाल पुत्र बुद्धू निवासी बंजारनपुरवा के हाथ से बेच दी।
लेकिन जब सोमपाल पुत्र बुध्धू ने वह जमीन सलारा पुत्र बनिया निवासी बदला चौराहा तहसील जमुनहा के हाथो से बेचीं तो उक्त बैनामे पर नक्सा शयजहां पत्नी महताब और हसीबुल निशा पत्नी मैनुद्दीन के काबिज जमीन का नक्सा और गाटा संख्या लिख दिया।
जिसकी जानकारी होने पर तुरन्त ही शयजहां और हसिबुल निशां ने SDM जमुनहा और थाना प्रभारी को लिखित तहरीर दी।
पीड़िता के पति मैनुद्दीन ने बताया कि SDM जमुनहा ने उचित कारवाही और कब्जा दिलाने के नाम पर सुविधा शुल्क लेकर अवैध कब्जा हटाने हेतु आदेश भी किया लेकिन थाना इंचार्ज ने उस आदेश को न मानते हुए पीड़िताओं से कब्जा हटवाने हेतु मोटी रकम ली।और कब्जा नही हटवाया।
साथ ही विपक्षी से साठ-गांठ करते हुए उसे स्टे लाने की सलाह दी।जिसपर विपक्ष स्टे ले आया।लेकिन विपक्षी ने रातो रात ही पुलिस से मिलकर उसपर टीनशेड रख लिया।अब पीड़ित दर-दर न्याय के लिए भटक रहा है।इसके लिए पीड़िताएं मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ से भी मिली लेकिन अभी भी कार्यवाही शून्य है।पीड़ित न्याय के आस में अभी भी इधर-उधर भटक रहा है।