लखनऊ : हिन्दुस्तान अखबार ने इस बार एक फोटो पर अपना कमाल दिखा दिया। चतुर्दिक ज्ञान के सागर बन चुके इस अखबार के सम्पादक ने उन बच्चों क...
लखनऊ : हिन्दुस्तान अखबार ने इस बार एक फोटो पर अपना कमाल दिखा दिया। चतुर्दिक ज्ञान के सागर बन चुके इस अखबार के सम्पादक ने उन बच्चों को स्कूल जाते बता दिया है, जो नंग-धड़ंग होकर बाढ़ की लहरों में खेल रहे थे। कहने की जरूरत नहीं कि पत्रकारिता के शब्दकोष में ऐसी झूठी बयानबाजी और खेल-खिलाड़ी पना को फेक-न्यूज की श्रेणी में रखा जाता है।
यह मामला है नेपाल की सीमा से सटे बहराइच का। यहां एक विकास क्षेत्र है महसी। विकास से काफी दूर माना जाता है महसी इलाके को। हाल ही मानसून की कृपा बढ़ी तो घाघरा नदी का मिजाज थोड़ा ऊपर होने लगा। कई किलोमीटर तक नदी के कछारी इलाकों में यह बाढ़ का पानी सड़क पर पसर गया। गांववाले तो इससे परेशानी में आ गये, लेकिन बच्चों की पौ-बारह हो गयी। इसी बीच बारिश होने लगी तो बच्चों ने भी अपने कपड़े उतारे और निकल पड़े पानी में छप्पर-छइयां करने। एक बच्चा सायकिल पर चढ कर निकल गया। बाढ़ के कवरेज में गये संवाददाता और कैमरामैन ने इस फोटो को कैच कर दिया और सीधे अपने दफ्तर लखनऊ रवाना कर दिया।
लखनऊ में इस अखबार के महान ज्ञानी सम्पादकों ने आसपास के इलाकों में तत्सम्बन्धी खबरों को कम्पाइल किया और एक खबर बना दी। साथ ही वह फोटो भी लगा दी जो बहराइच संवाददाता ने भेजी थी। लेकिन फोटो का कॅप्शन इस संपादक ने बिना देखे-बिचारे ही लगा दिया:- महसी के सम्पर्क-मार्ग पर स्कूल जाते बच्चे
साभार मेरी बिटिया डॉट कॉम