लखनऊ। रायबरेली सामूहिक नरसंहार मामले में एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ मामले की निष्पक्ष जांच का ऐलान कर चुके हैं। वहीं घटना में मारे गए यु...
लखनऊ। रायबरेली सामूहिक नरसंहार मामले में एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ मामले की निष्पक्ष जांच का ऐलान कर चुके हैं। वहीं घटना में मारे गए युवाओं के प्रति शोक जाहिर कर उनके परिजनों का मुआवजा भी दे चुके हैं। लेकिन योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं कि जो मारे गए, वे किराए के गुंडे थे। वहीं रायबरेली में मारे गए किसी भी शख्स का आपराधिक इतिहास सामने नहीं आया है।
जांच प्रभावित कर रहें कुछ लोग : पाठक
इसके जवाब में योगी सरकार में ही मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि युवकों को अपराधी बताकर जांच को प्रभावित करना गलत है। संरक्षण देने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा। ऐसा करने वालों पर भी भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। पाठक ने कहा कि यह पूरी तरह साबित हो चुका है कि मारे गए युवक अपराधी नहीं थे। उन्हें बुलाया गया, फिर उनकी जघन्य व निर्मम हत्या कर दी गई। जो लोग उन्हें अपराधी बता रहे हैं वे जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।
अभिजात मिश्र ने की निंदा
उधर भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री अभिजात मिश्र ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की निंदा की है। उन्होंने कहा गुंडा कौन है, बदमाश कौन है, ये न्यायपालिका तय करती है। भारत का संविधान किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ नहीं लेने की इजाजत नहीं देता है। अभिजात ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का ये बयान अपराध को संरक्षण देने वाला है।
ब्राहृमण महासभा ने दी सरकार को चेतावनी
वहीं स्वामी प्रसाद के बयान पर ब्राहृमण महासभा ने राजधानी में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। महासभा ने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को पद से हटाने की मांग की। वहीं मौके पर प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि आठ दिनों में कार्रवाई नहीं की गई तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन छेड़ा जाएगा।
यह कहा था मौर्य ने
आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था कि मारे गए गुंडे सपा विधायक मनोज पांडेय के इशारे पर बुलाए गए थे क्योंकि प्रधान राजा यादव पूर्व में सपा कार्यकर्ता था। विधानसभा चुनाव में वह भाजपा कार्यकर्ता हो गया। मनोज पांडेय ने उसे सबक सिखाने के लिए गुंडों को बुलाया था। जो लोग मारे गए वे किराए के गुंडे थे। उन पर अलग-अलग थानों में आपराधिक मामलों में केस दर्ज है। ग्रामीणों ने उन्हें पीट-पीटकर या जलाकर मार दिया। ये गुंडे प्रतापगढ़ और फतेहपुर से आए थे।