अमन पठान देश में मोदी भक्तो की संख्या लाखों में नही करोड़ों में है। यही कारण है कि पीएम मोदी के जन विरोधी फैसलों को भी जनहित में बताकर उनकी स...
अमन पठान
देश में मोदी भक्तो की संख्या लाखों में नही करोड़ों में है। यही कारण है कि पीएम मोदी के जन विरोधी फैसलों को भी जनहित में बताकर उनकी सराहना की जाती है। मेरी समझ में अब तक यह नही आया है कि जीएसटी से जनता का कौन सा भला होने वाला है जो भक्त जीएसटी को मोदी सरकार का जनहित में लिया गया फैसला बताकर ढिंढोरा पीट रहे हैं।
जीएसटी के लागू होते ही होलसेल व्यापार में 70 फीसदी गिरावट आ गई। एक लाख कंपनियां बंद हो गईं। हजारों लोग बेरोजगार हो गई। कंपनियों ने फ़िलहाल अपना उत्पादन बंद कर रखा है। क्योंकि मोदी सरकार ने अभी तक उन्हें जीएसटी से जुड़े नियम कानून के दस्तावेज उन तक नही पहुंचाए हैं। इससे साबित होता कि मोदी सरकार ने नोटबंदी की तरह बिना तैयारी के जीएसटी को लागू किया है।
खैर देश में जीएसटी लागू हो चुकी है। अब जो भी परेशानियां आएँगी उन्हें झेलना तो पड़ेगा ही, लेकिन लगभग यह तो तय है कि आने वाले समय में लोगों को तमाम असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है और जमाखोर मौज करेंगे। जीएसटी जनहित में नही बल्कि पूंजीपतियों के हित में है। हालांकि सरकार को राजस्व का तो इजाफा होगा, लेकिन फायदा पूंजीपतियों को ही होगा। जिसका जीवांत उदाहरण है कि जीएसटी से विमान यात्रा सस्ती और रेल यात्रा मंहगी हो चुकी है। रसोई गैस सिलेंडर से दैनिक उपयोगी वस्तुओं पर अधिक जीएसटी और शराब, पेट्रोलियम, रियल स्टेट को जीएसटी मुक्त करना पूंजीपतियों के लिए जीएसटी लाभकारी साबित हो रही है।