एसपी मित्तल 10 जुलाई की रात को कश्मीर के अनंतनाग जिले में 7 अमरनाथ यात्रियों की आतंकवादियों ने हत्या कर दी। हर बार की तरह सरकार की ओर स...
एसपी मित्तल
10 जुलाई की रात को कश्मीर के अनंतनाग जिले में 7 अमरनाथ यात्रियों की आतंकवादियों ने हत्या कर दी। हर बार की तरह सरकार की ओर से कहा गया है कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा। वारदात के बाद सरकार ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए करीब एक लाख सुरक्षा जवान तैनात कर दिए हैं।
सरकार कितने भी दावे करें, लेकिन हकीकत यह है कि 10 जुलाई की रात को जिन आतंकियों ने यात्रियों की बस पर गोलियां चलाई, उनमें से एक भी पकड़ा नहीं गया है। यानि आतंकी मुख्य मार्ग पर आए और 7 यात्रियों को मौत के घाट उतार कर चले गए। मैं सुरक्षा की चूक पर कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि आतंकवादी चूक का फायदा उठा कर हमला करते हैं और जब आतंकियों को घाटी के स्थानीय कश्मीरियों का संरक्षण हो तो फिर कश्मीर पुलिस क्या, सेना भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती। सरकार ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए जो एक लाख जवान तैनात किए हैं,
उनका उपयोग पहले आतंकवादियों के खात्मे के लिए किया जाए। देश के लिए यात्रा से पहले आतंकवाद का समाप्त होना जरूरी है। यदि देश बचेगा तो अमरनाथ की यात्रा भी होती रहेगी। आतंकी हमलों की आशंका के मद्देनजर ही सरकार ने यात्रा की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। लेकिन इसके बाद भी आतंकी अनंतनाग के हाईवे पर आए और दो किलोमीटर तक यात्रियों की बस और अन्य वाहनों पर लगातार गोलियां चलाई। यानि आतंकियों के सामने सरकार के सारे सुरक्षा इंतजाम धरे रह गए।
इससे सरकार को आतंकवादियों की ताकत का अंदाजा लगा लेना चाहिए। सरकार माने या नहीं, लेकिन सच्चाई है कि घाटी के कश्मीरियों की मदद से ही आतंकी हमले होते हैं। सरकार जब तक मदद करने वाले कश्मीरियों को सबक नहीं सिखाएगी, तब तक ऐसे हमले होते रहेंगे। सरकारों की नीतियों की वजह से ही पहले कश्मीर से 4 लाख हिन्दुओं को पीट-पीट कर भगा दिया गया और आतंकवादी अब हिन्दुओं को अमरनाथ यात्रा भी करने देना नहीं चाहते हैं। देखा जाए तो आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों पर हमला कर देश के सम्पूर्ण हिन्दुओं को चेतावनी दी है।