पुलिस वालों के द्वारा नंबर प्लेट पे नंबर की जगह पुलिस के चिन्ह को लगा दिया जाए ये ही बहुत है। क्योंकि ये पुलिस है इन्हें कोन रोकेगा, कोन इनक...
पुलिस वालों के द्वारा नंबर प्लेट पे नंबर की जगह पुलिस के चिन्ह को लगा दिया जाए ये ही बहुत है।
क्योंकि ये पुलिस है इन्हें कोन रोकेगा, कोन इनका चालान काटेगा।
और शायद आर टी ओ विभाग द्वारा इंदर गाड़ी का नंबर ही मुहैया ना कराया हो या फिर शायद इनकी वर्दी ,नाम या इनके काम से कोई इन्हें ना जानता हो इसलिए मजबूरन इन्हें अपनी पहचान पुकुस के प्रतीक से देनी पड़ रही है हैं ये बात और है कि गाड़ी के किसी और हिस्से पे भी ये चिन्ह प्रिंट करवाया जा सकता था।लेकिन नंबर प्लेट पे नंबर की जगह पुलिस चिन्ह ही लगा दिया और देदी उसे सरकारी मोहर।अब इंदर देखकर ही रक बात और याद कि में जब भी आगरा की सड़कों पर निकलता हूँ तो मुझे आधी से ज्यादा गाड़ियों के आगे वाली नंबर प्लेट पे उनके नंबर से ज्यादा उनके पेशे जैसे आर्मी, डॉक्टर, प्रेस, वकील और तो और संस्थाओं के नाम लिखे होते हैं।जबकि गाड़ी पर काफी जगह होती है फिर भी गलत जगह पहचान लिखकर अपनी मूर्खता का परिचय दे रहे हैं।लेकिन जनता भी क्या करे जब एक समझदार पेशे वाले लोग ही ये गलत काम कर रहे हैं तो क्या करें।
अब इन्हें कौन समझाए कि कुछ अधिकारीगढ़ अपनी पूरी मेहनत लगन से अपनी वर्दी का नाम रोशन करते हैं और दिन रात धूप बारिश में भी अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से करते हैं लेकिन कुछ मूर्ख लोग इनकी मेहनत पर पानी फेरते देर नही लगते हैं।अगर पूरा प्रशाशन अपनी जिम्मेदारियों को बखूभी निभाये तो हर कोई इन्हें दिल से सलाम करेगा।
सोनू खान
आगरा