हमारे सामने दो खबरें हैं एक खबर है कि जुनैद की हत्या का मुख्या आरोपी महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर लिया गया है। दूसरी खबर है बंगाल से जहां क...
हमारे सामने दो खबरें हैं एक खबर है कि जुनैद की हत्या का मुख्या आरोपी महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर लिया गया है। दूसरी खबर है बंगाल से जहां कोलकाता पुलिस ने उस साईबर दंगाई को गिरफ्तार किया है जिसने भोजपुरी फिल्म के दृश्य को बंगाल की हिंसा का दृश्य बताकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था।
सवाल यह है कि इन दोनो को आखिर हासिल क्या हुआ ? बंगाल वाला तो हो सकता है जल्द ही जेल से आ जाये लेकिन जुनैद का हत्यारा तो जेल मे सड़ेगा। और मुकदमा भी ऐसा वैसा नही बल्कि 302 का है जिसमें कमसे कम आजीवन कारावास और ज्यादा से ज्यादा से फांसी तक की सजा दी जाती है। सवाल फिर वही जुनैद को मारकर आखिर हासिल क्या हुआ ? अलावा जेल के ? क्या उसे या जो उस जैसा बनना चाहते हैं उन्हें माया कोडनानी, बाबू बजरंगी का हस्र मालूम नही ? क्या उन्हें सबक नही लेना चाहिये कि जिनके बहकावे मे आकर वे लोगो की जान लेते हैं वे लोग उनसे जेल मे मुलाकात करने तक नही जाते।
हत्याऐं ये जाहिल करते हैं और उनको हत्याओ के लिये उकसाने वाले सत्ता का सुख भोगते हैं। गुजरात दंगो के मास्टरमाईंड आज कहां से कहां पहुंच गये ? राम मंदिर के नाम देश मे साप्रदायिकता फैलाने वाले आज सत्ता के गलियारो में हैं। और उसी राम मंदिर के नाम पर लोगो का कत्ल करने वाले या तो जेल मे सड़ रहे हैं या फिर चोरों की तरह जिंदगी गुजारकर अपने पापो का पश्चाताप किये बगैर ही इस धरती का बोझ कम कर गये। ये घटनाऐं भविष्य के दंगाईयो के लिये सबक हैं।
यह पोस्ट हिन्दी मे लिखी है अगर भविष्य के किसी दंगाई को यह भाषा भी समझ नही आती है तो उसे उस वक्त समझ आयेगा जब वह धर्म रक्षक बनकर किसी का कत्ल करेगा और फिर ऐसे ही छिपता फिरेगा जैसे जुनैद का हत्यारा छिपता फिर रहा था। उसके बाद जब वह जेल मे सड़ेगा तब उसे पता चलेगा कि अपराध उसने किया और मजे दूसरो ने लूट लिये।