अमर जीत यादव बस्ती:सरकार खुले में शौच जैसी कुप्रथा से लोगों को निजात दिलाने के लिये घर घर शौचालय बनवाने पर जोर दे रही है। लेकिन जिम्मेदारों ...
अमर जीत यादव
बस्ती:सरकार खुले में शौच जैसी कुप्रथा से लोगों को निजात दिलाने के लिये घर घर शौचालय बनवाने पर जोर दे रही है। लेकिन जिम्मेदारों के लापरवाही से शासन की मंशा परवान नहीं चढ पा रही है।
आपको बता दे कि कुदरहा ब्लॉक के समग्र गांव तिघरा में लोगों को खुले में शौच से मुक्ती दिलाने हेतु 30 शौचालय उपलब्ध कराये गये। और निर्माण कार्य तो शुरू हुआ लेकिन नौ माह हो गये एक भी शौचालय प्रयोग के काबिल नहीं बन पाया। मानक विहीन आधे अधूरे शौचालय जिम्मेदारों की पोल खोलने के लिये काफी है।गांव में बने शौचालय एक ही गड्ढे के है न तो मानक के अनुरुप गड्ढो गहराई और न ही व्यास ।जबकि मानक के अनुसार दो गोल गड्ढे बनने थे जिनका व्यास और गहराई लगभग एक मीटर रखना था। वाई आकार के जकशन चेम्बर से गड्ढो को जोडा जाना था। जिससे एक गड्डा भरने के बाद सप्लाई दूसरे गड्ढे में चालू कर दी जाये।
ऐसा करने से संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका नहीं रहती। अधिकांश शौचालय की दीवारे खडी है मगर किसी का छत नहीं तो किसी की सीट नहीं।लाभार्थी सीता राम, चैतू, गिरिजा, महेश, रामवृक्ष आदि ने बताया कि शौचालय का निर्माण प्रधान के द्वारा कराया जा रहा।हमें इस सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं है। गांव के अर्जुन, फौदू,टेकई, बासू व गुड्डू का कहना है कि प्रधान और सचिव ने इसे कमाई का जरिया बना दिया है।ये शौचालय लाभार्थी को बनवाने के बजाय ग्राम प्रधान ही शौचालय का निर्माण करा रहे हैं। इसमें मानकों की बलि चढाई जा रही है। एक बार जांच करने अधिकारी आये थे।लेकिन कुछ भी नहीं हुआ ।
ग्राम प्रधान राम ऊजागिर के प्रतिनिधि का फोन नहीं उठा। सेक्रेटरी विरेन्द्र कुमार ने बताया कि अभी मानक की जानकारी नहीं है, जानकारी प्राप्त कर जाँच की जायेगी। हमारे समय में शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है अभी हमें दस दिन पहले चार्ज मिला है।