नई दिल्ली। आरटीआई एक्टिविस्ट शहला मसूद की हत्या की मुख्य आरोपी जाहिदा परवेज और सबा फारुकी को शुक्रवार को जमानत मिल गई। हत्याकांड की दोनों आर...
नई दिल्ली। आरटीआई एक्टिविस्ट शहला मसूद की हत्या की मुख्य आरोपी जाहिदा परवेज और सबा फारुकी को शुक्रवार को जमानत मिल गई। हत्याकांड की दोनों आरोपी बीते 6 साल से जेल में बंद हैं। इसी साल 28 जनवरी को जाहिदा परवेज और सबा फारुकी को सीबीआई कोर्ट ने हत्याकांड का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बाद में जाहिदा और सबा ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की।
हफ्ते भर पहले कोर्ट ने बहस के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। गुरूवार को आदेश जारी करने के बाद शुक्रवार को दोनों को जमानत दे दी गई। बता दें कि लगभग 6 साल तक चले इस केस में 137 तारीखों पर सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई की ओर से 83 गवाह पेश किए गए।
मामला 6 साल पुराना है, लेकिन इतना हाईप्रोफाइल है कि 6 साल बाद भी इस हत्याकांड के बाद सामने आई सच्चाई जानकर हैरान रह जाता है। आपको बता दें कि भोपाल में 16 अगस्त 2011 को शहला मसूद की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वो इंडिया अगेन्स्ट करप्शन के एक कार्यक्रम में भाग लेने जा रहीं थीं। शहला, अन्ना हजारे के इस कैंपेन की मध्य प्रदेश संयोजक थीं। इसका अलावा वो एक आरटीआई एक्टिविस्ट के तौर पर भी काम कर रहीं थीं।
शहला मसूद का शव कोहेफिजा स्थित घर के बाहर कार में पड़ा मिला था। सीबीआई ने इस मामले में भोपाल की जाहिदा, सबा से साथ शाकीब डेंजर, ताबिश और इरफान को आरोपी बनाया था। सुनवाई के दौरान इरफान सरकारी गवाह बन गया। 28 जनवरी 2017 को सीबीआई जज बीके पालोदा ने हत्याकांड में जाहिदा, सबा, शाकीब और ताबिश को उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि इरफान को क्षमादान दे दिया गया।
मामले की तफ्तीश में आए थे चौंकाने वाले राज
दरअसल सीबीआई जब इस मामले की छानबीन कर रही थी, उस समय बरामद जाहिदा की डायरी में एक नेता के साथ उसके यौन संबंधों, एक सीडी रिकॉर्डिंग, इस्तेमाल हो चुके कंडोम, जो प्लास्टिक की थैलियों में संभालकर रखे होने की बात सामने आई थी।
जाहिदा की मानसिक स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस व्यक्ति के साथ उसके फिजिकल रिलेशनशिप की बात सामने आई थी, जाहिदा ने उसके साथ बिताए प्राइवेट मूमेंट्स के बाद यूज्ड कंडोम भी संभालकर रखे हुए थे।
इतना ही नहीं जाहिदा ने ऐसे सभी यूज्ड कंडोम्स पर वो तारीख भी डाल रखी थी, जिस दिन उसने उस व्यक्ति के साथ प्राइवेट टाइम बिताया था। सीबीआई को बरामद हुई थैली में उन सभी यूज्ड कंडोम्स पर तारीख लिखी हुई थी, साथ ही प्लास्टिक की ही थैली में रखा एक बालों का गुच्छा भी मिला था।
सीबीआई जांच में हुआ था हत्याकांड का खुलासा
इस सनसनीखेज हत्याकांड के तीन दिन में ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामला सीबीआई के हैंडओवर कर दिया था। इसके बाद सीबीआई के तत्कालीन संयुक्त निदेशक केशव कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने 29 फरवरी, 2012 को जाहिदा परवेज के एमपी नगर स्थित दफ्तर पर दबिश देकर छानबीन शुरू की। एक आर्किटेक्चर कंपनी चलाने वाली जाहिदा के आफिस से एक अहम चीज मिली थी, वह जाहिदा की डायरी थी। इसी डायरी से ही सारी सच्चाई सामने आई।
जाहिदा की डायरी में शेहला की हत्या वाले दिन 16 अगस्त, 2011 को लिखा गया था,‘उसे उसके घर के सामने गोली मार दी गई। मैं सुबह से ही परेशान थी। अली (साकिब अली ‘डेंजर’, जिसने भाड़े के हत्यारों को हत्या का काम सौंपा था) ने 11:15 बजे फोन किया कि मुबारक हो साहिब, हमने उसके घर के सामने काम कर दिया। हत्या की पुष्टि के लिए मैंने अपने एक कर्मचारी को शेहला के घर भेजा। उसके बाद मुझे सुकून मिला।’
हाईकोर्ट में दायर की थी सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील
सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सबा फारुखी ने एडवोकेट विनय विजयवर्गीय, अजय गुप्ता और जाहिदा परवेज ने जबलपुर के वकीलों के माध्यम से हाई कोर्ट में अपील दायर की। अपील दायर करते हुए दोनों की ओर से अंतरिम आवेदन देकर जमानत देने की गुहार लगाई थी।
सप्ताहभर पहले अंतरिम आवेदन पर बहस सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को इसे जारी किया गया। सीबीआई के वकील दीपक रावल ने सबा और जाहिदा को जमानत मिलने की पुष्टि की। जमानत के आदेश जारी होने तक सबा फारुखी उज्जैन और जाहिदा परवेज बड़वानी जेल में बंद थीं।