आईजीआरएस पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण की खुली पोल सीएम की सख्ती के बाद भी नहीं हो रहा सुधार कार्यालय में बैठकर ही कर रहे शिकायतों का निस्तार...
आईजीआरएस पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण की खुली पोल
सीएम की सख्ती के बाद भी नहीं हो रहा सुधार
कार्यालय में बैठकर ही कर रहे शिकायतों का निस्तारण
एटा - पति पिछले डेढ़ साल से जेल के बाहर है और पुलिस बोल रही है अभी अंदर है | विवेचना ढाई साल से पूर्व ही समाप्त हो चुकी है और पुलिस कह रही, विवेचना चल रही है | यह उस जांच रिपोर्ट के कुछ अंश हैं, जिसे एसएसपी से लेकर अपर पुलिस महानिदेशक आगरा तक स्वीकार कर शिकायत को निस्तारित कर चुके हैं | जबकि पीड़िता की समस्या का कोई हल नहीं हुआ है | यह स्थिति आईजीआरएस पर दर्ज शिकायत की है | सीएम अफसरों को चेतावनी दे रहे हैं, अफसर फिर भी नहीं सुधर रहे हैं |
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में यूं ही पीड़ितों का हुजूम नहीं लगता है, इसके पीछे अफसरशाही की संवेदनहीनता नजर आती है | पीड़ितों की शिकायतों के प्रति अधिकारी कदापि गंभीर नहीं हैं | सीएम ने गुरूवार को आईजीआरएस पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा करने के निर्देश क्या जारी किये कि अधिकरियों की सांसें फूल गईं | सीएम की नजर में खुद को श्रेष्ठ साबित करने के लिए लंबित शिकायतों का फर्जी तरीके से निस्तारण शुरू कर दिया | मौके पर जाए बिना कार्यालय की चारदीवारी में बैठकर शिकायत निस्तारित कर रहे हैं | पर्यवेक्षण अधिकारी भी अधीनस्थों पर विश्वास कर फर्जी निस्तारण पर आखें मूंदकर उन पर मोहर लगा रहे हैं | क़स्बा जैथरा के मोहल्ला गाँधी नगर निवासी संतोष देवी ने आईजीआरएस पोर्टल पर 12 अप्रेल को सीबीसीआईडी कानपुर द्वारा जिलाधिकारी एटा को उनके पत्राचार के बाद भी वांछित आख्या न भेजने की शिकायत दर्ज कराई थी | अपर पुलिस महानिदेशक, आगरा ने एसएसपी को कार्यवाही के आदेश दिए थे | शिकायत निस्तारण की तिथि 27 अप्रेल नियत थी | तीन माह तक शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई | पांच दिन पूर्व सीएम ने आईजीआरएस पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा करने का निर्णय लिया तो अफसरों में खलबली मच गई | आनन- फानन में शिकायत का निस्तारण कर दिया गया | जाँच अधिकारी सीओ अलीगंज अजय भदौरिया ने शिकायती प्रार्थना पत्र की विषयवस्तु को नजरअंदाज करते हुए मनगंढ़ंत जांच रिपोर्ट अपर पुलिस अधीक्षक को भेज दी | सीओ ने जांच रिपोर्ट में लिखा है कि आवेदिका के प्रार्थना पत्र पर अंकित तथ्यों के संबंध में पूँछ - तांछ जानकारी एवं अभिलेखों के अवलोकन में पाया गया कि आवेदिका का पति नामजद अभियुक्त है तथा वर्तमान में जिला कारागार एटा में निरूद्ध है | जिसकी विवेचना सीबीसीआईडी कानपुर सेक्टर द्वारा सम्पादित की जा रही है| पीड़िता संतोष देवी ने बताया कि उनके पति मनोज कुमार पिछले डेढ़ साल से बाहर हैं | सीबीसीआईडी अपनी जाँच वर्ष2014 में पूरी कर न्यायालय को सौंप चुकी है | जांच अधिकारी ने शिकायत की विषयवस्तु से संबंधित किसी भी प्रकार की जांच नहीं की है | उनका कोई पक्ष भी नहीं सुना गया है | उन्होंने बताया कि इस जांच रिपोर्ट को एएसपी, एसएसपी व अपर पुलिस महानिदेशक स्वीकार कर शिकायत का निस्तारण कर चुके हैं |
क्या है मामला
एटा - कस्बा जैथरा में 6 वर्ष पूर्व 2011 में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी | जिसमें आवेदिका के पति एवं एक मृतक सहित लगभग डेढ़ दर्जन लोगों पर मुकदमा लिखा गया था | जबकि घटना के समय आवेदिका का पति पुलिस अधिकारियों के साथ दूसरे थानाक्षेत्र में था | इसी आधार पर वर्ष 2012 में शासन ने मुकदमा वापसी को जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी | जिला प्रशासन ने तय बिंदुओं पर शासन को रिपोर्ट भेज दी थी | घटना की सीबीसीआईडी जांच होने के कारण शासन ने डीएम से सीबीसीआईडी की आख्या मांगी है | डीएम स्तर से एसपी, सीबीसीआईडी को वांछित आख्या भेजने हेतु लगातार पत्र भेजे जा रहे हैं, परन्तु सीबीसीआईडी द्वारा वांछित आख्या नहीं भेजी गई | जिसकी शिकायत पीड़िता ने आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज कराकर वांछित आख्या भिजवाने की गुहार अधिकारियों से लगाई थी |
रिपोर्ट- सुनील कुमार, एटा।