खान अशु सोमवार की शाम राजधानी का शहीद भवन रंगमंच के अदाकारों का कर्मस्थल बना हुआ था। रिफ्लेक्शन थियेटर ग्रुप मन्जे हुए कलाकारों की बेहत...
खान अशु
सोमवार की शाम राजधानी का शहीद भवन रंगमंच के अदाकारों का कर्मस्थल बना हुआ था। रिफ्लेक्शन थियेटर ग्रुप मन्जे हुए कलाकारों की बेहतरीन अदाकारी के साथ यहाँ अपनी शानदार प्रस्तुति के साथ मौजूद था। तनवीर अहमद और इरफान सौरभ की कई दिनों की मेहनत चन्द मिनटों में इस बात को साबित कर गई कि टाकिज, सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स के इस दौर में भी रंगमंच की सार्थकता बरकरार है, फिलहाल इसके चाहने वाले मौजूद भी हैं और इसके भविष्य को लम्बे समय तक किसी तरह का कोई खतरा नहीं है।
राजधानी भोपाल की धरती हमेशा से कलाकारों को पोषित करने वाली रही है। भारत भवन की मौजूदगी और इसकी देश-विदेश में ख्याति सुबूत है इस बात का। फिल्मी दुनिया को भी इस शहर से हमेशा बेहतरीन अदाकारों की खेप पहुंचती रही है। रजा मुराद से लेकर शाहवर आलम तक के सफर के बीच कई नाम इसमें शामिल हैं। महानायक अमित जी से लेकर कश्मीर की कली शर्मीला तक का इस शहर से वास्ता है। प्रकाश झा से लेकर कई बड़े फिल्मकारो का भोपाल की तरफ कदम बढ़ाने के पीछे यहाँ की खूबसूरती के अलावा यहां की मिट्टी में समाई अभिनय क्षमता भी है। जल्दी ही यहाँ विस्तार लेने वाली फिल्म सिटी शहर के फन को उसके जायज मुकाम तक पहुँचाएगी इस बात का यकीन रखा जाना चाहिए।
गुरुओं को मिलेगा गुरु ग्यान!
घाट-घाट का पानी पिए सान्सद-विधायक उनकी अपनी पार्टियों में इस भरोसे पर खरे नहीं माने जा रहे कि वह अपने वोट का ठप्पा ठीक से लगा पाएगे! राष्ट्रपति चुनाव की कवायद के बीच भाजपा-कांग्रेस किसी रिस्क को सिर पर न लेते हुए प्रशिक्षण के लिए खासतौर से दिल्ली से ट्रेनर बुलवा रहे हैं।