लखनऊ। यूपी का सीएम बनते ही योगी आदित्यनाथ ने की बड़े फैसले किए। एक फैलसा यह भी था कि सरकारी कार्यालयों में पॉलीथीन के उपयोग पर प्रतिबंध ल...
लखनऊ। यूपी का सीएम बनते ही योगी आदित्यनाथ ने की बड़े फैसले किए। एक फैलसा यह भी था कि सरकारी कार्यालयों में पॉलीथीन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाते हुए सभी शासकीय दफ्तरों, अस्पतालों और स्कूल कॉलेजों में पान, गुटखे और तम्बाकू के सेवन पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाए।
लेकिन अब इस फैसले को लागू करने में सरकार को लोहे के चने चबाने पड़ रहे हैं। खबर है कि फर्रुखाबाद के लोहिया अस्पताल के डॉक्टर ही इसे छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
इतना ही नहीं, एक सीनियर वरिष्ठ डॉक्टर ने नोटिस के जवाब में लिख दिया कि नौकरी छोड़ देंगे पर गुटखा खाना नहीं छोड़ पाएंगे।
दरअसल डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल कैम्पस में ड्यूटी के दौरान धूम्रपान और पान मसाला के सेवन करने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। वहीँ, इस नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना भी लगाया गया है।
सरकार के नए आदेश के बाद सीएमएस डॉ. बीबी पुष्कर ने चार डॉक्टरों सहित 28 वरिष्ठ और कनिष्ठ कर्मचारियों को तम्बाकू छोड़ने के लिए लिखित आदेश जारी कर दिया है।
इनमें बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश तिवारी, रेडियोलॉजिस्ट डॉ. योगेंद्र सिंह, सर्जन डॉ. जीपी सचान और ईएमओ डॉ. नीरज यादव शामिल हैं।
लेकिन डॉक्टर और कर्मचारी इसके लिए तैयार नहीं हैं। वहीं रेडियोलॉजिस्ट डॉ. योगेन्द्र सिंह ने तो गुटखा-तंबाकू छोड़ने के बदले नौकरी छोड़ने की बात कह दी है।
दिलचस्प बात यह कि डॉ. सिंह ने नोटिस के जवाब में सीएमएस से उन्हें कार्यमुक्त करने का प्रस्ताव रख दिया है।
सीएमएस डॉ. बीबी पुष्कर ने बताया कि उनकी किसी कर्मचारी के प्रति खुन्नस नहीं ही। अस्पताल तम्बाकू निषेध क्षेत्र है। कई डॉक्टर और कर्मचारी चेतावनी के बावजूद तम्बाकू खाना नहीं छोड़ रहे हैं।