अमर जीत यादव बनकटी/बस्ती:छुट्टा और आवारा व जंगली पशुओं की संख्या दिन दूना रात चौगुना बढ रही है। जो हर प्रकार के फसलों को तहस नहस कर खलिहान ब...
अमर जीत यादव
बनकटी/बस्ती:छुट्टा और आवारा व जंगली पशुओं की संख्या दिन दूना रात चौगुना बढ रही है। जो हर प्रकार के फसलों को तहस नहस कर खलिहान बना रहे हैं। जिससे किसानों के न सिर्फ अरमानों पर बल्कि केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की आमदनी बढाये जाने के दावों पर पानी फिर रहा है। जिसका कोई विकल्प भी नहीं दिखाई दे रहा है।
देखा जा रहा कि गाय से पैदा होने वाले बछडों की उपयोगिता लगभग समाप्त हो गयी हे। और जब गाय दूध देना बन्द कर देती है। तो पशु पालक गाय के बछडों को छुट्टा छोड देते हैं। इसके अलावा जंगली सूअर,नीलगाय,शाही,जो किसानों के द्वारा बुआई की जाने वाली फसलों को तहस नहस कर रहे है।पूर्वांचल में तो छुट्टा व जंगली जानवरों की धमाचौकडी के चलते पिछले दो दशकों से नगदी के रूप में सब्जियों की खेती करने से किसानों ने तोबा कर लिया है। इतना ही नहीं अब तो दिन प्रति दिन इनकी बेतहाशा बढ रही संख्या किसानों पर भारी पड रही है।और सूअर और साँड किसानों पर आये दिन हमला कर ना सिर्फ उन्हें घायल कर रहे हैं बल्कि जानवरों के हमले से घायल किसान वक्त से पहले
काल के गाल में भी समाते जा रहे हैं।
प्रगतिशील किसान ओम प्रकाश सिंह,दयाराम चौधरी,राम भवन चौधरी,सन्तबक्स सिंह ,रविन्द्र कुमार पान्डेय सन्त सन्तराम दास, सुरेन्द्र चौधरी राम जीत चौधरी,आदि लोगों ने संयुक्त रूप से बताया कि यदि छुट्टा आवारा व जंगली जानवरों की धमाचौकड़ी को जल्द ही समय रहते ना रोका गया तो वह दिन दूर नहीं जब किसानों को मजबूर होकर खेती करना बन्द कर देना पडेगा।
भा.कि.यू. के मंडल महासचिव शोभाराम ठाकुर रामफेर चौधरी,घनश्याम चौधरी, दीनदयाल चौधरी आदि लोगों ने संयुक्त रूप से कहा कि आये दिन यूनियन द्वारा संचालित कार्यक्रमों के दौरान शासन प्रशासन को दिये जाने वाले विज्ञप्तियों में छुट्टा आवारा व जंगली जानवरों से निजात दिलाने की लगातार माँग की जारही है। लेकिन अभी तक सुनवाई सिफर है।जिससे किसानों के अरमानों पर पानी फिर रहा है।