शाहजहाँपुर। जनपद प्रभारी मंत्री दुग्ध विकास, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ, लक्ष्मी नारायण चौधरी द्वारा आज र...
शाहजहाँपुर। जनपद प्रभारी मंत्री दुग्ध विकास, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ, लक्ष्मी नारायण चौधरी द्वारा आज राज्य कर विभाग शाहजहाँपुर द्वारा आयोजित जी.एस.टी के क्रियान्वयन से सम्बन्धित जिले के व्यापारियों, उद्यमियों, विभिन्न ट्रेडस संघों, अधिवक्ताओं, वरिष्ठ नागरिकों, पत्रकारों के साथ विकास भवन सभाकक्ष में बैठक करते हुए जी.एस.टी के सम्बन्ध में विस्तृत रूप से अवगत कराया।
उक्त बैठक में प्रभारी मंत्री ने कहा कि यहां के व्यापारियों से आज जो वार्ता हुई है। वह काफी सार्थक रही है। देश की प्रगति में सभी लोग सहयोग करें। उन्होंने कहा कि 01 जुलाई 2017 से पूरे देश एक साथ जी.एस.टी. लागू किया जाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक ऐतिहासिक कदम है। इस प्रकार का निर्णय दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत इरादों के बिना सम्भव नहीं है।
कार्यशाला में उपस्थित व्यापारियां, उद्यमियों, अधिवक्ताआें, चार्टेर्ड एकाउटेंट्स को सम्बोधित करते हुए मंत्री जी ने कहा कि जी.एस.टी. एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार के सिद्धान्त पर आधारित है। मंत्री जी ने जी.एस.टी. जैसे कानून को लागू करने की इस महत्वपूर्ण पहल के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जी.एस.टी. व्यापारियों, किसानों, उपभोक्ताओं तथा आम जन के हित में है। केन्द्र व राज्य सरकार के टैक्स विभागों के अधिकारी गाहे-बगाहे छोटी-छोटी कमियां पर व्यापारियों को नोटिस जारी कर दिया करते थे, जिसके कारण व्यापारियों एवं उद्यमियों को सरकारी विभागों के बेवजह चक्कर लगाने पड़ते थे।
इससे उनका समय एवं धन अनावश्यक तौर से खर्च होता था। अब जी.एस.टी. व्यवस्था में समस्त कार्य आनलाइन होने से सरकारी विभागों के बाबुओं और अधिकारियों का विवेकाधिकार स्वतः समाप्त हो जायेगा। अभी तक वैट व्यवस्था में रुपये 5 लाख सलाना कारोबार करने वाले व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन लेना पड़ता था। रजिस्ट्रेशन लेते ही हमारे छोटे-छोटे व्यापारी भाइयों को सरकारी विभागों का चक्कर लगाना पड़ता था, किन्तु जी.एस.टी. में पंजीयन की सीमा रुपये 5 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गयी है।
इसी एक कदम से हमारे प्रदेश के लगभग सवा तीन लाख छोटे व्यापारी रजिस्ट्रेशन के दायरे से अपने आप बाहर हो जायेगें और तमाम झंझटों से मुक्त होकर निश्चित रहकर अपना व्यवसाय कर सकेंगे। जी.एस.टी में मंझोले स्तर के व्यापारियों का भी पूरा ध्यान रखा गया है। उनके लिए समाधान योजना की व्यवस्था की गयी है। जी.एस.टी में रुपये 75 लाख तक सालाना कारोबार करने वाले व्यापारी समाधान योजना का लाभ ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 80 प्रतिशत व्यापारियों को सरकारी अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे। इस नयी व्यवस्था में व्यापारियों और उद्यमियों द्वारा दाखिल किये गये आनलाइन रिर्टन ही स्वतः कर निर्धारण मान लिये जायेगे। इस व्यवस्था से सभी व्यापारी लाभान्ति होगें।
मंत्री जी ने बताया कि जी.एस.टी. व्यवस्था किसानों और कृषि के भी हित में है। अब गेंहूँ, धान, चालव पर कर नहीं लगेगा। आम उपभोक्ता की रोजमर्रा की जरूरतों पर सामानो में कमी आयेगी। उन्होंने बताया कि पूरे देश में एक तरह का कर ढांचा और एक तरह की कर की दरें होने से पूरे देश में निवेश का एक समान अवसर मिलेगा। जी.एस.टी लगने से देश के निर्यात में बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने कहा कि व्यापारियों ने जो बातें रखी हैं उसे ध्यान में रखा जायेगा। उक्त अवसर पर पूर्व गृह राज्य मंत्री भारत सरकार स्वामी चिन्मयानन्द ने कहा कि जी.एस.टी. से देश की आर्थिक प्रगति होगी।
प्रधानमंत्री जी ने नोटबन्दी, जी.एस.टी. और सर्जिकल स्ट्राइक ये तीन काम करके विश्व के लोकप्रिय प्रधानमंत्री बन गये है। जिलाधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम देश के विकास में बहुत उपयोगी होगा। जिले के व्यापारियों से कई स्तरों पर वार्ता हुई है। उनके द्वारा इसे एक महत्वपूर्ण और विकासवादी कदम बताया गया है। सभी को यह मान्य है। अपर आयुक्त व्यापार कर ए.के.गुप्ता ने कहा कि किसी भी व्यापारी को कोई समस्या हो तो वह उनके कार्यालय से समाधान कर सकता है।
उक्त अवसर पर उद्यमी अशोक अग्रवाल ने मण्डी टैक्स व आवासीय फर्नीचर के विषय में व्यापारी कुलदीप सिंह दुआ, उद्यमी वेद प्रकाश गुप्ता, राइस मीलर्स रामचन्द्र सिंघल, ईंट भट्टा के राकेश कपूर, उमेश पाठक आदि ने विचार व्यक्त किये। उक्त अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत अजय प्रताप सिंह यादव, विधायक कटरा वीर विक्रम सिंह, विधायक ददरौल मानवेन्द्र सिंह, राकेश मिश्रा, डी.पी.एस. राठौर आदि जनप्रतिनिधियो सहित अपर जिलाधिकारी वि./रा. सर्वेश कुमार, संयुक्त आयुक्त राम कुबेर, उपायुक्त अमित, रमेश वैश्य आदि उपस्थित रहे।