सूर्य प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश में कुछ भ्रष्ट मंत्रियों के स्टाफ़ व आगंतुकों के खाने-पीने व रहने के ख़र्चे कौन उठाता है ? यह एक गोपनीय ...
सूर्य प्रताप सिंह
उत्तर प्रदेश में कुछ भ्रष्ट मंत्रियों के स्टाफ़ व आगंतुकों के खाने-पीने व रहने के ख़र्चे कौन उठाता है ? यह एक गोपनीय जाँच का विषय है, इंटेलिजेन्स एकत्र की जानी चाहिए।
आप जान कर हैरान हो जाएँगे कि सड़क निर्माण से जुड़े दो विभागों में से अपेक्षाकृत 'छोटे बजट' वाले विभाग के मंत्री के ५०-६० स्टाफ़ के रहने/खाने व प्रति दिन आने वाले सैकड़ों आगंतुकों की आवभगत का लगभग रु. १० लाख प्रति माह ख़र्चे कौन उठाता है ... विभागीय अधिकारी 'लूटे' हुए कमिशन से यह ख़र्चा उठाते हैं।
इस बेशर्मी भरे 'अनैतिक' दायित्व के लिए मंत्री महोदय के यहाँ इस विभाग के महाभ्रष्ट दाग़ी, परंतु इस मंत्री के अति प्रिय मुख्य अभियंता ने एक जे.ई. (Junior Engineer) को बंगले व ऑफ़िस पर अटैच कर दिया गया है ...ख़र्चों का बोझ उठाने का पूरा जिम्मा उसे दिया गया है ....इस JE की पोस्टिंग काग़ज़ पर कहीं और है और ये महाशय रहते है इस चोर मंत्री के बंगले पर या फिर ऑफ़िस में.......मंत्री जी ने इस JE को 'खतिरदारी' के एवज़ में अधिक बजट आवंटन का आश्वासन भी दिया है।
अभी तक अतिरिक्त बजट आवंटन न मिलने व जेब से ख़र्चा अधिक होने के कारण यह JE घूम-२ कर यह कहानी सबको बताता फिर रहा है .... अब यह JE, भ्रष्ट मंत्री से पीछा छुटाना चाहता है। इसकी पुष्टि इस मंत्री के जनपद से आने वाले सत्तापक्ष के एक सांसद ने भी की है। उन्होंने यहाँ तक बताया कि इस विभाग का अपने हिस्से का कमिशन भ्रष्ट मंत्री जी ने ५% बढ़ा दिया है....इस महाभ्रष्ट मंत्री ने गड्ढामुक्त सड़कों के कार्य में भी ख़ूब मलाई चाटी और कार्य भी पूरा नहीं किया... सरकार की छिछालेदर भी कराई गयी।
क्या इस भ्रष्ट मंत्री को जाँच करा के तत्काल बर्खास्त कर CM योगी अपनी भ्रष्टाचार के प्रति अपनी 'Zero Tolerance' की नीति का संदेश देना चाहेंगे ?
ज्ञात रहे कि इस भ्रष्ट मंत्री के पक्ष में एक बहुत 'बड़े' केंद्रीय मंत्री का संरक्षण कहीं बाधा न बन जाए ?
इस मंत्री द्वारा अपने पद से बर्ख़ास्तगी के डर से ट्विटर पर लिखकर PM मोदी से मिलने का समय माँगा है। इन महोदय को कोई बताए कि PM से ट्विटर पर समय नहीं माँगा जाता है, इसका एक प्रोटोकोल होता है।
यह मंत्री गुंडे भी पालता है .... मेरे घर पर दूसरा हमला हो जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
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नोट: मेरी उक्त सूचना सत्यता पर आधारित है। यदि मंत्री जी मेरे विरुद्ध मानहानि का मुक़दमा करें, तो स्वागत है। मैं JE के नाम का ख़ुलासा और साक्ष्यों का रिकॉर्डेड वर्ज़न पेश कर दूँगा।
(लेखक पूर्व आईएएस अधिकारी हैं)