भोपाल। शाहजहानाबाद स्थित 146 साल पुराने ताजमहल और शाहजहां बेगम के किस्से आज भी मशहूर है। कहा जाता है 120 कमरे वाले इस ताजमहल में कूलिंग ...
भोपाल। शाहजहानाबाद स्थित 146 साल पुराने ताजमहल और शाहजहां बेगम के किस्से आज भी मशहूर है। कहा जाता है 120 कमरे वाले इस ताजमहल में कूलिंग बनाए रखने के लिए मीनारों पर छोटे-छोटे छेद किए गए थे। इनमें से थोड़ी-थोड़ी देर में पानी बहता था, जिससे पूरे महल में ठंडक बनी रहती थी।
इस महल से प्रेरणा लेकर बनाया था कूलिंग सिस्टम
सीनियर आर्केलॉजिस्ट पूजा सक्सेना बताती है कि, ताजमहल का कूलिंग सिस्टम अंडरग्राउंड वाटर रिसोर्स पर बेस्ड था। बेगम शाहजहां ने इस्लाम नगर के गोंद महल से प्रेरित होकर ताजमहल में यह सिस्टम बनवाया था। मीनारों के छोटे-छोटे छेद में से बहने वाला पानी गर्मी के दिनों में भी ठंडक बनाए रखता था।
3 साल तक बेगम ने मनाया जश्न
1870 में भोपाल की नवाब शाहजहां बेगम ने अपने निवास के लिए यह ताज महल पैलेस बनवाना शुरू किया। 13 साल में 17 एकड़ में फैला यह महल बनकर तैयार हुआ था। इसे बनवाने में लगभग 30 लाख रुपए का खर्च आया था। इसके बनने के बाद बेगम इतनी खुशी थी कि उन्होंने लगातार तीन साल तक रोज फेस्टिवल एवं जश्न मनाया था। इस महल का सावन भादो पवेलियन काफी फेमस था जहां लाइट्स के साथ फव्वारे भी लगाए गए थे।
खास मकसद से बेगम ने गेट पर लगवाया था शीशा
ताज महल में तीन गेट थे। पूर्व की तरफ स्थित गेट से सुबह के समय बाहरी लोगों का आना जाना था। बाहरी लोगों से ताज महल की खूबसूरती को नजर न लग जाए इसलिए बेगम ने पूर्वी गेट के ऊपर एक बड़ा शीशा लगवा दिया था। सूर्य की रोशनी इस शीशे पर पड़ती थी और चकाचौंध की वजह से लोग ताजमहल का दीदार नहीं कर पाते थे। इस तरह से उन्होंने इसे बुरी नजर से बचाया था।
महल के गेट पर लगी थी लोहे की कीलें
इतिहासकार सैयद अख्तर हुसैन ने बताया था कि नवाब शाहजहां बेगम के जमाने में नागपुर और उत्तर से हमला होने का खतरा काफी रहता था। इस वजह से बेगम ने इस महल के गेट को इतना वजनी बनवाया कि हाथी की टक्कर से भी न टूट पाए। इस गेट के ऊपर लोहे की कीलें लगी हुई हैं। साथ ही, इसका वजन भी हाथी से ज्यादा है।
नए कलेवर में दिखेगा महल
यह पुरानी हैरिटेज बिल्डिंग जल्द ही नए कलेवर में दिखाई देगी। इसको लेकर मप्र पर्यटन निगम एक बार फिर एक्टिव हो गया है। निगम ने ताजमहल के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी करते हुए इसको हैरिटेज होटल के रुप में डेवलप करने की जिम्मेदारी इंदौर की कंपनी गोल्डसमैन रिसोर्स प्रा. लि. को 5 करोड़ 11 लाख रुपए में 90 साल के लिए लीज पर दिया गया है।
45 से ज्यादा लग्जरी रूम्स बनेंगे
पर्यटन निगम के टीपीयू डायरेक्टर एके राजौरिया ने बताया कि होने के बाद ताजमहल में 45 से ज्यादा लग्जरी रुम्स होंगे। इसके साथ ही इन सभी रुम्स को रिहायशी लुक देने के लिए इसके अंदर उपयोग किए जाने वाले पर्दे सहित अन्य चीजे राजशाही फील देगी। चूंकि हेरिटेज बिल्डिंग है इसलिए इसे क्षतिग्रस्त नहीं किया जा सकता, इसलिए पार्किंग की व्यवस्था के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है।