प्राइवेट हज टूर्स से जाने वाले हाजियों को इस साल से नये सरकारी फ़रमान GST की मार झेलनी पड़ेगी.. एक और प्राइवेट हज टूर्स को सरकार ने पहले ह...
प्राइवेट हज टूर्स से जाने वाले हाजियों को इस साल से नये सरकारी फ़रमान GST की मार झेलनी पड़ेगी.. एक और प्राइवेट हज टूर्स को सरकार ने पहले ही हज सब्सिडी से दूर रखा हुआ है जिस वजह से हज कमेटी की बनिस्बत प्राइवेट टूर शुरू से ही महंगा है ऊपर से आये दिन लगाये जाने वाले टैक्स और अब जी.एस.टी. से हज और भी ज़्यादा महंगा हो जायेगा.....
हज को GST के दायरे में लाना सरासर गलत है.. इसका वज़न हाजियों पर पड़ेगा.. अभी तक हज कमेटी में नाम न आने की वजह से लोग प्राइवेट हज टूर्स के ज़रिये हज पर जाने का मन बना लिया करते थे अगर सरकारी नियम पूरी तरह से टूर्स पर थोप दिया जायेगा तो यकीनन आइन्दा साल से इस और भी कमी आ जायेगी और लोग हज कमेटी के ज़रिये से ही जाने का इंतज़ार करते रहेंगे.. उधर हज कमेटी भी कोटे से ज़्यादा दरख्वास्त मौसूल होने के बाद से नई हज पॉलिसी में 6 साल के नियम बनाये जाने पर ग़ौर ओ फ़िक्र कर रही है.. आगे क्या होता है अल्लाह ही बेहतर जाने....
इस साल से ही प्राइवेट टूर्स पर GST लगाया जाना ठीक नही क्योंकि तकरीबन सभी लोग अपना हज का अमाउंट टूर वालों को जमा करा चुके हैं बहुत से टूर वालों ने हज सफर की रवानगी की तारीख भी हाजियों को दे दी है अब बड़ा मसला 5% या उससे भी ज़्यादा GST अदा करने का है अगर किसी ने 3 लाख रूपये जमा किया है तो उसको 5% के हिसाब से 15,000/- सरकार के खाते में जमा कराना होगा अगर एक घर से 2 लोग हज पर जा रहै हैं तो ये रकम 30,000/- हो जायेगी...
मध्यप्रदेश के तकरीबन 60 फीसदी लोग सिर्फ हज कमेटी में नाम न आने या कई साल का इंतज़ार न कर सकने की वजह से ही प्राइवेट टूर से हज पर जाने का इरादा रखतें हैं क्यूंकि उनके पास एक हिसाब किताब वाला बजट होता है यही वजह है वो सस्ते टूर में बुकिंग कराने की ज़्यादा कोशिश में रहतें हैं.. ऐसे में अगर अलग से और रुपया देने की बारी आये तो ज़ाहिर सी बात है उनको बहुत ही ज़्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ेगा..
ऑल इण्डिया हज उमराह टूर्स एसोसिएशन.. हज फेडरेशन जैसी बहुत सी तंज़ीम GST के खिलाफ कमर कसी हुई हैं अल्लाह उनको कामयाबी अता करे.. प्राइवेट टूर के हाजियों के लिये सरकार अपने जी.एस.टी. कानून को खत्म करे...
(ये सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट है)