पिछले दिनों अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति "बराक ओबामा" भारत के दौरे पर थे और एक समाचार हाऊस के कार्यक्रम में उन्होंने जो बातें ...
पिछले दिनों अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति "बराक ओबामा" भारत के दौरे पर थे और एक समाचार हाऊस के कार्यक्रम में उन्होंने जो बातें कहीं वह देश और दुनिया को ध्यान से सुनने और समझने की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि "भारत को अपनी मुस्लिम आबादी की कद्र करनी चाहिए ,उन्होंने राष्ट्रपति रहते हुए निजी तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी से कहा था कि धर्म के आधार पर भारत का विभाजन नहीं किया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि "भारत को भारतीय मुसलमानों का ध्यान रखना चाहिए जो खुद को इस देश से जुड़ा हुआ और भारतीय मानते हैं।"
ओबामा ने कहा, 'मैंने पीएम मोदी से निजी तौर पर कहा था कि भारत को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि यहां मुसलमान अपनी पहचान एक भारतीय के रूप में कर सकें।
ओबामा ने कहा, "'खासतौर से भारत जैसे देश में जहां विशाल मुस्लिम आबादी है और जो सफल है, समाज का अविभाज्य अंग है तथा अपने आपको भारतीय मानता है, दुर्भाग्य से ऐसा अन्य देशों में नहीं है जहां अल्पसंख्यक धार्मिक समुदाय को ऐसी अनुभूति होती हो। मुझे लगता है कि यह ऐसा कुछ है जिसका ध्यान रखा जाना चाहिए, उसे संपोषित व विकसित करने की जरूरत है।"
दरअसल बराक ओबामा इशारों इशारों में बहुत कुछ कह गये कि शेष देशों के अल्पसंख्यक अपने देश के प्रति वह मुहब्बत और जज़्बा नहीं रखते जो भारत के अल्पसंख्यक मुसलमान अपने देश के लिए रखते हैं।
उदाहरण के लिए बहुत अधिक दूर जाने की आवश्यकता नहीं है , अपने पड़ोस के पाकिस्तान और बंग्लादेश के हिन्दू अल्पसंख्कों तथा श्रीलंका के अल्पसंख्यक तमिलों का उदाहरण सबके सामने है।
एक आँकड़ों के अनुसार भारत में 1 लाख़ 20 हज़ार पाकिस्तानी हिंदू अपना देश छोड़ कर भारत में रहते हैं और औसतन हर साल एक हज़ार हिंदू पाकिस्तान से भारत आते हैं।
http://www.bbc.com/…/160424_pakistan_hindu_migrants_gallery…
वहाँ से आए यह पाकिस्तानी अल्पसंख्यक हिन्दू दक्षिण दिल्ली की संजय गांधी कॉलोनी में रहते हैं।
ऐसे ही , बंग्लादेश के विभाजन के समय पाकिस्तान में रह रहे हिन्दू अल्पसंख्यक अपने देश से भाग कर बंग्लादेश के रास्ते भारत में प्रवेश कर जाते हैं जिनकी अधिकारिक संख्या लाखों में है , इसी कारण पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की संख्या कम होकर 6% रह गयी , और पाकिस्तानी हिन्दुओं की अपने देश से गद्दारी की यही प्रक्रिया जारी रही तो रही सही संख्या भी समाप्त हो जाएगी।
श्रीलंका के अल्पसंख्यक तमिलों का अपने देश से गद्दारी का इतिहास कौन नहीं जानता ? प्रभाकरण की अलग देश की माँग और तमिलों का भारत से अधिक निकटता अपने देश से गद्दारी का उदाहरण ही तो है।
यह है इन तीनों देशों के अल्पसंख्यकों का अपने देश के प्रति प्रेम , जबकि भारत के मुसलमान दो दो पड़ोसी मुस्लिम देशों के रहते उधर जाना तो छोड़िए एक हद तक उनसे नफरत करता है और अपने देश से बेइंतेहा मुहब्बत करता है।
बराक ओबामा यही कह रहे थे , बस उदाहरण ना दे सके। बराक ओबामा अमेरिका के 8 साल तक राष्ट्रपति रहे हैं और सारी दुनिया के देशों के अलूपसंख्यक समुदाय के उस देश के प्रति भावना को समझते होंगे , मोटी मोटी रिपोर्टें पढ़ी होंगीं , यूँ ही नहीं उन्होंने भारतीय मुसलमानों के संदर्भ में इतनी महत्वपुर्ण बात कह दी।
और सिर्फ़ बराक ओबामा ही क्युँ ?
भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयानों को भी इसी संदर्भ में रख कर देखिए कि भारत में इतनी बड़ी मुस्लिम आबादी के बावजूद "आईएस" और "अल-कायदा" जैसे संगठन कभी सफल नहीं हुए।
यह बयान भी यूँ ही नहीं है , क्युँकि भारत का मुसलमान अपने देश के लिए सदैव वफादार रहा है , ना वह "कालाधन" की लिस्ट में शामिल होता है ना "पनामा और पैराडाईज़" लीकेज लिस्ट में और ना भ्रष्टाचार के घालमेल में।
ऐसा करने के लिए मुसलमानों को "कुरान" से सीख मिली है कि जिस देश में रहो उस देश के लिए वफादार रहो , ईमान की मज़बूती में देशप्रेम शामिल है।
यही कारण है कि , आज़ादी के बाद तमाम सरकारी जेनोसाईड "हाशिमपुरा , मुरादाबाद ईदगाह , मुंबई , गुजरात , भागलपुर , वाराणसी , कानपुर , मेरठ , मलियाना , मुजफ्फरनगर , सूरत , 1992 मुम्बई , भिवंडी , बाबरी मस्जिद की शहादत " इत्यादि के बावजूद भारत के मुसलमानों ने कभी देश छोड़कर पड़ोस के मुस्लिम देशों में जाने का सोचा तक नहीं और ना ही किसी "खालिस्तान" की तरह अलग देश की माँग की।
ध्यान दीजिए कि "पाकिस्तान" भी भारत के मुसलमानों की माँग पर नहीं बल्कि स्वतंत्र भारत में नेहरू-जिन्ना-पटेल की सत्ता की बंदरबाँट में हुई विफलता के कारण बनाया गया।
बराक ओबामा यही कहना चाह रहे थे जो वह खुल कर नहीं कह सके।
देश के प्रति वफादारी दुनिया को भारत के अल्पसंख्यक मुसलमानों से सीखना चाहिए और उनको विशेष रूप से सीखना चाहिए जो अपने देश पाकिस्तान से भागकर भारत से वापस नहीं जाते।
मोहम्मद जाहिद की फेसबुक वाल से