एसपी मित्तल राजस्थान में अगले वर्ष नवम्बर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। कहा जा रहा है कि गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में भी विधानसभा ...
एसपी मित्तल
राजस्थान में अगले वर्ष नवम्बर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। कहा जा रहा है कि गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में भी विधानसभा वार भाजपा विधायकों की छवि और काम काज को लेकर सर्वे करवाया गया है। यह सर्वे गोपनीय तरीके से सीएम वसुंधरा राजे के स्तर पर हुआ है।
गुजरात में भाजपा के कोई सवा सौ विधायकों में से 70 विधायकों के टिकिट काटे गए हैं। टिकिट काटने का आधार यह गोपनीय सर्वे ही रहा है। अब चूंकि राजस्थान में भी सर्वे करवाया गया है इसलिए अनेक विधायकों के टिकिट कट सकते हैं। राजस्थान में 200 में से भाजपा के 162 विधायक हैं।
जब गुजरात में सवा सौ विधायकों में से 70 के टिकिट काटे जा सकते हैं तो राजस्थान में 162 भाजपा विधायकों में से कितनों के टिकिट कटेंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। राजस्थान में आम लोग ही नहीं बल्कि भाजपा के कार्यकर्ताओं का भी मानना है कि विधायकों का व्यवहार अच्छा नहीं है।
विधायक बनने के बाद ऐसे लोगों से घिर गए जिनका पार्टी से कोई सरोकार नहीं रहा। जो विधायक मंत्री अथवा संसदीय सचिव बन कर सरकारी सुविधाओं का उपभोग कर रहे हैं, उनका तो और भी बुरा हाल है। जब कार्यकर्ताओं का ही सम्मान नहीं हो रहा तो फिर आम लोगों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
ऐसा नहीं की सभी विधायकों की छवि खराब है। कुछ विधायकों का अपने विधानसभा क्षेत्र में निरंतर सम्पर्क रहा है। ऐसे विधायकों ने समस्या समाधान शिविर भी लगाए हंै और रोजाना ही अपने विधानसभा क्षेत्र में उपस्थित रहते हैं। लेकिन ऐसे विधायकों की संख्या कम है।
मुख्यमंत्री के गोपनीय सर्वे से भाजपा के विधायकों में बेचेनी है। यहां खास तौर से उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि अजमेर और अलवर में होने वाले लोकसभा के उपचुनाव में मुख्यमंत्री के स्तर पर सर्वे करवाया गया है। इस सर्वे की रिपोर्ट के बाद ही उम्मीदवार का चयन किया जाएगा।