रियाजुल हक प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जोरदार कार्यक्रम के बावजूद जनपद की नगर पालिका स...
रियाजुल हक
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जोरदार कार्यक्रम के बावजूद जनपद की नगर पालिका सीट भाजपा द्वारा न जीत पाना भाजपा के दो सांसद और छह विधायको के कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है।जो साफ संकेत देता है कि या तो इन जन प्रतिनिधियो के कार्य प्रणाली से जनपद की जनता संतुष्ट नही है या इन जनप्रतिनिधियों ने भाजपा प्रत्याशी को हराने में अपनी अपनी अहम भूमिका निभाई।सदर से विधायक एवं वर्तमान राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव जब अपनी विधानसभा नही बचा पाये तो आगामी 2019 के लोकसभा के चुनाव में भाजपा इनसे कोई उम्मीद रखे तो वह मुंगेरी लाल के सपने जैसा ही होगा। आज जनपद के हर प्रबुद्धजनों की जबान पर यह चर्चा है कि आखिर क्या कारण रहा कि भाजपा मुंगरा बादशाहपुर और शाहगंज को छोड़कर अन्य सभी नगर पंचायत अध्यक्ष की सीट भी भाजपा हार
गई ।मुंगरा और शाहगंज की सीट प्रत्याशी और उनके समर्थकों के बल पर जीती गई है ।जिनमे इन नेताओं की कोई भूमिका नही है ।
नगर पालिका की सीट पर हुई हार किसी भी ढंग से भाजपा के लिए शुभ नही है ।जौनपुर सांसद केपी सिंह मुंगरा और शाहगंज नगर सीट पर हुई जीत को अपनी उपलब्धि भले ही बताये लेकिन जनता में उपहास के ही पात्र बनेगे ।बात करे मछलीशहर सांसद रामचरित्र निषाद के संसदीय क्षेत्र की तो मछलीशहर ,मडियाहू और केराकत तीनो नगर पंचायत में भाजपा की जो दुर्दशा हुई है , शायद बिना सत्ता के भी कभी नही हुई थी।यदि योगी और मोदी अपने इन्ही रण बांकुरों
के भरोसे 2019 फतह का सपना संजोयें हो तो उनकी बहुत बड़ी भूल
साबित होगी ।समय रहते इन जनप्रतिनिधियों ने जनता के प्रति अपनी जबाबदेही नही समझा और उस पर खरा उतरने का प्रयाश नही किया तो पार्टी और इन नेताओं को भी जनता के कोपभाजन का शिकार बनाना पड़ सकता है ।अभी वक्त है मंत्री से लेकर संत्री तक का पेंच कसना पार्टी संगठन के लिए अति आवश्यक है।
केयर आफ मीडिया जौनपुर