ये चंबल है! यहां इंसान ही नहीं भैंसों का भी अपहरण कर वसूली जाती है फिरौती
भोपाल: इंसानों का अपहरण और फिरौती लेकर छोड़ने के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे लेकिन चंबल का माजरा कुछ अलग है। यहां भैंसों को अगवा कर फिरौती वसूलने की आपराधिक परिपाटी लंबे समय से बेरोकटोक चल रही है। स्थानीय भाषा में इसे पनिहाई कहा जाता है। पनिहाई मतलब मध्यस्थों के जरिए एकमुश्त रकम लेकर चोरी गई भैंस को उसके मालिक तक पहुंचाना।
यह भैंस की कीमत की 30 प्रतिशत तक होती है। मवेशी चोरों, उनके दलालों और राजनीतिक संपर्क के मजबूत ढांचे के सामने पुलिस इतनी बेबस है कि चोरों के नाम-पते मालूम होने के बाद भी उनके गांव में घुस भी नहीं पाती। क्योंकि यह समुदाय के रूप में एकजुट होकर प्रतिरोध करते हैं। कई बार गोलियां भी चला दी जाती हैं। पनिहाई के ज्यादातर केस पुलिस तक नहीं पहुंचते क्योंकि पीड़ित पक्ष को इसमें अपमान महसूस होता है।
1. रकम न देने से अटका मामला
दिमनी के सिरमिति गांव से एक सितंबर की रात 12 बजे जलदेवी नामक विधवा महिला की 60 हजार रुपए की भैंस चोरी हो गई। जलदेवी ने तीन संदेहियों के नाम पुलिस को बताए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आखिर महिला ने भैंस वापस लेने के लिए पंचायत बुलाई, जिसमें संदेही लोगों ने कसम खाकर भैंस वापस करने का आश्वासन दिया, लेकिन पनिहाई की रकम न देने से मामला अटका हुआ है।
2. 20 हजार लेकर लौटाई भैंस
पोरसा क्षेत्र के सींगपुरा निवासी धारा कोरी की भैंस को अप्रैल में अज्ञात चोर घर के बाहर से खोलकर ले गए। धारा ने पुलिस में शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अंतत: उसने दलालों से संपर्क किया। इसके बाद कुखथरी के भुआ का पुरा गांव में पंचायत हुई और इन्हीं दलालों के माध्यम से उसने 20 हजार रुपए देकर 60 हजार रुपए की भैंस वापस मंगवाई।
3. एक मिसाल ऐसी भी, पीड़ित पक्ष ने पकड़े ट्रैक्टर, तब हुआ सौदा
दो साल पहले मुरैना गांव के धर्मेंद्र किरार की 80 हजार रुपए की भैंस चोरी हुई। पता चला कि चोरी में दोन्हारी गांव के लोगों का हाथ है। इसके बाद गांव के दाऊजी मंदिर पर समाज की महापंचायत में तय किया गया कि हमारे समाज की आबादी बहुल गांवों से भैंस चोरी से जुड़े समुदाय के लोगों के रेत के ट्रैक्टर-ट्रॉली निकले तो उन्हें पकड़ लेंगे। एक ट्रैक्टर पकड़ भी लिया गया। इसके 10 दिन बाद संबंधित समुदाय के लोग भैंस वापस कर गए। हालांकि जाते-जाते उन्होंने भी किरार समाज के लोगों को मंदिर पर कसम खिलवाई कि अब वे रेत के ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं पकड़ेंगे।
पुराने मवेशी चोरों की हिस्ट्रीशीट करा रहे हैं तैयार
सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पशु चुराने वाले पुराने बदमाशों की हिस्ट्रीशीट तैयार करें और उन्हें थाने बुलाकर पाबंद किया जाए। पुलिस से मवेशी चोरी की पुरानी घटनाओं और आरोपियों का रिव्यू शुरू करा रहे हैं।
डॉ. असित यादव, एसपी मुरैना
युवाओं को मिले रोजगार तो घटेंगे अपराध
चंबल अंचल में मवेशी चोरी बड़ी समस्या है। इसके पीछे मुख्य वजह है युवाओं का बेरोजगार होना। मेहनतकश् युवाओं को चंबल नदी के चुनिंदा घाटों से रेत उत्खनन की अनुमति दी जाए, ग्रामीण क्षेत्र में हर परिवार को डेयरी फार्मिंग के लिए बैंकों से लोन मिले तो लोगों को काम मिलेगा। इस संबंध में हमने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी कई बार चर्चा की है।