देवबंद में शीबा पढ़ातीं हैं संस्कृत और सुशीला शर्मा पढ़ातीं हैं उर्दू
सहारनपुरः उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से एक ऐसी ख़बर आई है जो बनारस हिंदू विश्विद्यालय में संस्कृत को लेकर धरना कर रहे छात्रों के ज़मीर को झंझोड़ने की कोशिश करेगी। सहारनपुर के देवबंद नगर और क्षेत्र में अलग-अलग संप्रदाय की दो शिक्षिकाएं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर जारी विरोध को आईना दिखा रही हैं।
देवबंद के पास राजपूतों के बड़े गांव ठाकुर कृपाल सिंह डिग्री कालेज में पिछले दस साल से मुस्लिम महिला शिक्षिका डा. शीबा परवीन छात्र-छात्राओं को संस्कृत भाषा पढ़ा रही हैं जबकि ब्राहमण परिवार से संबंध रखने वाली सुशीला शर्मा देवबंद के एक स्कूल में पिछले कई सालों से उर्दू पढ़ा रही हैं। दोनों शिक्षिकाएं भारतीय संस्कृति की अनूठी मिसाल पेश कर रही हैं। देवबंद में दोनों समुदाय के विद्वान लोगों ने बीएचयू में संस्कृत के प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति को लेकर हो रहे बवाल पर चिंता जताई है।
क्या है बीएचयू का विवाद
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बनारस स्थित बनारस हिंदू विश्विद्यालय में संस्कृत विभाग के कुछ छात्र इसलिये धरने पर बैठे हैं, क्योंकि इस विभाग में संस्कृतक के सहायक प्राध्यापक पद पर फिरोज़ ख़ान की नियुक्ती हुई है। हालांकि यह नियुक्ती नियमों के तहत हुई है। लेकिन छात्रों का कहना है कि संस्कृत चूंकि हिंदू धर्म की भाषा है इसलिये एक मुसलमान इसे कैसे पढ़ा सकता है।
धरने पर बैठे छात्रों की लगातार आलोचना भी हो रही है, लेकिन इसके बावजूद छात्र अपनी मांग पर डटे हुए हैं। फिरोज़ ख़ान राजस्थान के रहने वाले हैं उनके पिता राजस्थान में राम और कृष्ण के भजन गाते हैं। लेकिन इसके बावजूद फिरोज़ की नियुक्ती पर विवाद थमने का नाम नही ले रहा है।