कुशीनगर में अपनी लापरवाही और कारनामों से जाने जाते है जेई जसवंत
अनिल यादव
कुशीनगर। जिले के तरयासुजान विद्युत उपकेन्द्र इस साहब के तैनाती के बाद चर्चा मे रहा है। चाहे वो सिसवां मे लाइन मैन संदीप साहनी के मौत का मामला हो या जरजर विद्युत व्यवस्था। हर मामले मे इस साहब का नाम अदब से लिया जाता है।
बताते चले इस उपकेंद्र से चार फीडरो के माध्यम से 300 से भी अधिक गावों में विद्युत सप्लाई कि व्यवस्था है। और करीब प्रत्येक 2 गाँव मे साहब के एक दलाल ऐसे न्यूक्त है जो साहब के कामो की वसूली करते हैं। बिना धन इस साहब के कानो मे जू तक नहीं रेंगता चाहे इसके बदले किसी की जान ही क्यों न चली जाए। सिसवां मे लाइन मैन के मौत के मामले में मुकदमा भी झेल चुके है ये जेइ।
इसके अलावा भी क्षेत्र में करीब आधा दर्जन मौत इस जेइ के लापरवाह जिम्मेदारियों के बदौलत जनता देख चुकी है वावजूद इस साहब का ताना बाना कुछ ऐसा रहा है अपने गैर जिम्मेदाराना कार्यों की खानापूर्ति बडे ठाट और शानोशौकत के साथ निभाते हैं। सूचनाओं से तो एसा लगता है जेइ को खुजली हो क्षेत्र मे दुर्घटना या आपदा से संबंधित सूचना देना हो तो भी दलालो का माध्यम जरूरी है। अन्यथा वो संयोग ही रहा होगा जब हाइडिल का सीयुजी व इनका मोबाइल लग जाये।
दर्जन भर से अधिक एसे चट्टी चौराहे है जहाँ से दैनिक वसूली पर विद्युत व्यवस्था संचालित है। ऐसे में पिपराघाट के टोला ब्रह्मपुर का है जहाँ पर अभी तीन महीने ही हो रहा है कार्य कराये हुए जो इस समय लगे हुए पोल अपने आप को रो रहा है ये पोल कभी भी जमीन पर गिर सकता है और बड़ा खतरा हो सकता है