जनता को एकदम मूर्ख ही समझ लिया है क्या पवार जी?
नदीम अख्तर
मराठा शरद पवार या तो खुद बहुत भोले हैं या फिर जनता को अनाड़ी समझ रहे हैं। आपके घर का आदमी, आपके विधायक दल का नेता और आपका सबसे विश्वासपात्र आदमी अजीत पवार बीजेपी के साथ गुपचुप खिचड़ी पका रहा था और आपको मालूम तक नहीं चला? यहां राजनीति में भाई लोग विरोधी गुट की एक-एक खबर रखते हैं और मराठा पवार को घर की ही खबर नहीं लगी?? बात हज़म नहीं हुई। पुराने पके चावल हैं शरद पवार। जनता को एकदम मूर्ख ही समझ लिया है क्या पवार जी?
अपनी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष छवि बचाने के लिए शरद पवार कह रहे हैं कि उनके साथ धोखा हुआ। शिवसेना ने भी अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि शरद पवार के साथ धोखा हुआ। सच्ची??!! शिव सेना face saving कर रही है ये तो समझ आता है। पर किसका? अपना या शरद पवार का? या फिर दोनों का??!!
NCP ने अजीत पवार को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया। पर इससे क्या होगा? अब एनसीपी, शिव सेना और कांग्रेस, अपने विधायकों को अजीत/बीजेपी के साथ जाने से कैसे रोकेगी? एक बार सरकार बन गई तो विधायकों को तोड़कर, लालच देकर और डरा-धमकाकर अपने साथ लाना बहुत आसान होता है। वैसे भी विधायक लोगों पे कुछ न कुछ मामले निकल आते हैं।
भ्रष्टाचार से लेकर तमाम तरह के। तो अगर सरकार बन गयी है तो बहुमत जुटाने के लिए दूसरी पार्टी के एमएलए साहब को सिर्फ ये बताना होता है कि हमारे पास आ जाओ या कि वो वाला केस खुलवाएं? सत्ता में रहोगे या जेल में, ये तय कर लो। ये सब पर्दे के पीछे होता है और टीभी कैमरों पे आपके नेता ये बताते हैं कि अंतरात्मा की आवाज़ सुनकर और स्थायी सरकार देने के लिए हम फलां के साथ आए हैं।
बहरहाल, शरद पवार अब भी डबल गेम कर रहे हैं। सत्ता भी ले ली और खुद के साथ धोखा की बात प्रचारित करवा के शहीद का भी दर्जा पाने की कोशिश कर रहे हैं। यानी मैकदे भी गए और जन्नत भी मिल गयी। अब और क्या चाहिए? पर असल सवाल शिव सेना का है? वो गुर्राने, सुप्रीम कोर्ट जाने और बयान जारी करने के अलावा भी कुछ कर सकती है क्या?
पर्दे के पीछे से खेल कर सकती है क्या? महाराष्ट्र में रहना है तो शिव सेना को भजना है, ये संदेश भिजवा सकती है क्या? अगर नहीं तो उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से पंगा लेकर अपने पुरखों की दौलत लुटाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। फिर कहता हूँ। ये दुनिया बल से डरती है। वीर भोग्या वसुंधरा। जिसके पास बल होगा, वही महाराष्ट्र पे राज करेगा। कुदरत भी यही कहती है- Survival of the fittest.