फतेहाबाद: पराली जलाने के आरोप में 46 किसानों पर केस दर्ज
अर्जुन जग्गा
फतेहाबाद। जिले में पराली जलाने वाले किसानों पर प्रशासनिक कार्रवाई जारी है। मंगलवार को भी 46 किसानों के खिलाफ पराली जलाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
सदर टोहाना पुलिस के अनुसार आरोपितों में गांव धारसूलकलां निवासी ईश्वर सिंह पुत्र जोधाराम, ईश्वर सिंह, कुलां निवासी हरदीप सिंह, चंदड़कलां निवासी रमेश, सुरेश, राकेश, गुरबख्श सिंह, जमालपुर शेखां निवासी नरेन्द्र सिंह, बंसीलाल, इशान कुमार, सुमनलता, रतिया, खैरातीलाल और अशोक कुमार निवासी बलियाला शामिल हैं। इसके अलावा शहर टोहाना पुलिस ने मक्खन कुमार, राजेश निवासी टोहाना, भूना पुलिस ने सुल्तान निवासी खजूरीजाटी, आत्माराम, राजेन्द्र, जितेन्द्र निवासी कुनाल, सदर फतेहाबाद पुलिस ने जगजीत सिंह निवासी बहबलपुर, सुखदेव सिंह निवासी बहबलपुर, थेड़ी निवासी बल्कार सिंह, मुलखराज निवासी अहलीसदर, गुरदित्ता निवासी अहलीसदर, जाखल पुलिस ने दर्शन सिंह, लाभ सिंह, कश्मीर सिंह, छज्जू सिंह, जगदीश सिंह, कश्मीर सिंह, अमर सिंह निवासी चांदपुरा, बलजिन्द्र सिंह, जसविन्द्र सिंह, सतपाल, सुखप्रीत सिंह, गुरमीत सिंह, बंत सिंह, केवल सिंह, गुरदयाल सिंह, गगन सिंह, गोविन्द सिंह व गुरमेल कौर के खिलाफ केस दर्ज किया है।
दूसरी ओर किसानों के खिलाफ पराली जलाने के मामले दर्ज करने, उनकी गिरफ्तार और घरों में छापामार कार्रवाई करने के विरोध में किसान संघर्ष समिति ने जोरदार प्रदर्शन किया है। समिति के सदस्यों ने सोमवार की शाम रतिया के नए बस स्टैंड के सामने हरियाणा सरकार व पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। साथ ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पुतला फूंका। संघर्ष समिति चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं लेती है तो अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।
समिति के मनदीप सिंह ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई से किसानों में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि पराली जलाना किसानों की मजबूरी है न कि शौक। अगर पराली न जलाएं तो किसानों को आगामी फसल बिजाई में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। मनदीप ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने दमनकारी नीतियां बंद नहीं की और किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस नहीं लिए तो संघर्ष समिति के सदस्य प्रशासनिक कार्यालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना देंगे।
उधर, रतिया शहरी थानाध्यक्ष ने बताया है कि प्रशासन द्वारा पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ 188 के तहत केस दर्ज किए गए है। लेकिन उनमें से किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।