नकली जीरा (Fake Jeera) बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, झाड़ू से तैयार हो रहा था जीरा
नई दिल्ली : देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पूठ खुर्द में नकली ज़ीरा (Fake Jeera) बनाने का ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में आप ने कभी सोचा भी नही होगा। पूठ खुर्द की एक फैक्टरी में चार लोग फूल झाड़ू के चूर और गुड़ के शीरे से नकली ज़ीरा बनाने का काम रहे थे। इस चीज़ का खुलासा बवाना थाना की पुलिस ने किया है। बता दें कि पुलिस को उनकी फैक्टरी से बीस हज़ार किलो नकली ज़ीरे के साथ 8075 किलो का कच्चा पदार्थ भी मिला है।
हवलदार को मिली थी Fake Jeera बनाने की जानकारी
नकली ज़ीरा (Fake Jeera) बनाने की जानकारी बवाना थाना (Police Station Bawana) के हवलदार प्रवीण को मिली थी। प्रवीण ने इसकी जानकारी बड़े अधिकारियों की दी। जानकारी मिलने के बाद पुलिस की टीम ने सोमवार को उनके फैक्टरी पर छापा मारा। पुलिस जब फैक्टरी पहुंची तो ये लोग ज़ीरा बनाते हुए पकड़े गए।
छापेमारी के दौरान पुलिस को वहां से 485 बोरे ज़ीरे के मिले। जहां एक बोरे में 40 किलो ज़ीरा था। वही इसके साथ ही 350 बोरे पत्थर के चूरे के भी मिलें। इसके एक बोरे में 15 किलो चूर थे। वहीं 80 बोरे फूल झाड़ू के चूर भी मिले। इसके एक बोरे में 20 किलो चूर थे और 35 ड्रम गुड़ के शीरें भी बरामद हुए, जिसके एक ड्रम में करीब 35 किलों शीरें थे।
आरोपी किस तरह ज़ीरा बनाते थे जीरा ?
आरोपियों ने बताया कि वे नकली ज़ीरा बनाने के लिए पहले फूल झाड़ू को चूर करते थे उसके बाद गुड़ का शीरा बनाकर उसमें चूर को डाल देते थे। चूर को शीरे में डालने के बाद उसे थोड़ा सुखा देते थे फिर पत्थर के पाउडर को उसमें मिला देते थे। इतना करने के बाद वे लोहे की छलनी से उसे छान देते थे। डॉ. जुगल किशोर जो सफदरजंग अस्पताल के डॉ. हैं, उन्होंने बताया कि मिलावटी ज़ीरे में घातक रसायन और डाई के इस्तेमाल के साथ पत्थर का इस्तेमाल भी किया जाता है। इससे कैंसर को बढ़ावे के साथ किडनी पर भी असर पड़ सकता है। इसके साथ यह किडनी को भी खराब कर सकता है।
बता दें कि इससे पहले ये लोग अपनी फैक्टरी शाहजहां पुर में चलाते थे। फिर ज़्यादा पैसा की लालच में ये लोग अगस्त में दिल्ली आ गये और पूठ खुर्द के सुरेश कुमार का घर किराए पर लेकर यहां अपनी फैक्टरी चलाने लगे। नकली ज़ीरे की सप्लाई ये लोग गुजरात और उत्तर प्रदेश के कई ज़िलो में करते थे।
आरोपियों की पहचान के बारे में जिला पुलिस ने गौरव शर्मा ने बताया कि ये लोग जलालाबाद, शाहजहांपुर और उत्तर प्रदेश के निवासी हरिनंदन, कामरान, गंगा प्रसाद,पवन और हरीश के रूप में हुई है। बता दें कि इस गैंग का सरगना लालू है जो अभी तक फरार है। लालू का काम कच्चा माल खरीदने के साथ उसे बेचना था, जबकि हरिनंदन ज़ीरा तैयार करने का काम करता था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी 80 किलो ज़ीरे में करीब 20 किलो नकली ज़ीरा मिलाते थे। इससे इनको 100 किलो ज़ीरे पर 8 हज़ार रूपए का फायदा होता था। बता दें कि पुलिस मकान मालिक सुरेश से भी पूछताक्ष कर जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही है।