शादी पर पिता को याद करके भावुक हुईं विधायक अदिति, ट्विटर पर लिखा I love you Papa, I miss you Papa
रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह पंजाब के नवांशहर से विधायक अंगद सिंह के साथ गुरुवार को दिल्ली में सात फेरे लेंगी। इस मौके पर अदिति सिंह ने भावुक होते हुए अपने दिवंगत पिता को याद किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, "एक पिता की सबसे बड़ा सपना उसकी बेटी की शादी करना होता है, पापा आपने अंगद को मेरा सच्चा जीवनसाथी चुना, आज इस खुशी के मौके पर आप नही हैं, आपकी बहुत याद आ रही है। I love you Papa, I miss you Papa."
निधन से पहले अखिलेश सिंह ने तय की थी बिटिया की शादी
रायबरेली के सीनियर पत्रकार माधव सिंह बताते हैं कि अदिति सिंह की शादी उनके पिता ने अपनी मृत्यु से पहले ही तय की थी। दरअसल, अखिलेश सिंह और अंगद के पिता दोनों काफी समय से दोस्त रहे हैं। उन्होंने अपने रहते इसी दोस्ती को परवान चढ़ाया और रिश्तेदारी में बदल दिया।
कांग्रेस के गढ़ में कांग्रेस को झुकाया
माधव सिंह कहते हैं कि अखिलेश सिंह बहुत ही जीवट राजनीतिज्ञ रहे हैं। 1993 में कांग्रेस से जीते फिर 1996 और 2002 का भी चुनाव जीता। 2003 में कांग्रेस से मतभेद होने पर पार्टी छोड़ दी। 2007 में फिर निर्दलीय चुनाव जीते और लगातार रायबरेली में कांग्रेस को कमजोर करते रहे। यही नहीं उन्होंने 2012 में पीस पार्टी ज्वाइन की। अखिलेश की वजह से ही जिले में पहली बार पीस पार्टी का झंडा बुलंद हुआ।
हालात ये थे कि कांग्रेस की सीनियर लीडरशिप उन्हें हराने के लिए घर-घर जाकर वोट मांग रही थी लेकिन, जब चुनाव हुआ तो अखिलेश सिंह एक बार फिर रायबरेली सदर से चुनाव जीत चुके थे। आलम ये था कि रायबरेली की 5 विधानसभा सीटों में से 4 पर कांग्रेस का कब्ज़ा था जबकि सदर सीट पर अखिलेश सिंह काबिज थे।
अमेरिका से लौटकर अदिति ने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया
अमेरिका से पढ़ाई कर और लंदन में कुछ वक्त जॉब करके लौटी अदिति सिंह 2017 विधानसभा चुनाव में अपने पिता की पारंपरिक सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी। अदिति की मुलाकात प्रियंका गांधी से हुई और एक बार फिर अदिति सिंह पिता अखिलेश सहित पार्टी में आ गईं थी।अदिति ने उस वक्त मीडिया से बातचीत में बताया था कि मैं लंदन में खुश थी लेकिन रायबरेली का पिछड़ापन मुझे कचोटता था. यही वजह थी कि मैं वापस आई।
अंतिम समय तक"बाहुबली" की छवि से नहीं छूटा पीछा
अखिलेश सिंह जहां मंझे हुए पॉलिटिकल व्यक्ति थे, वहीं उन पर बाहुबली का ठप्पा भी लगा हुआ था। सैय्यद मोदी हत्याकांड में भी उनका नाम आया था लेकिन बाद में उन्हें इस केस से बरी कर दिया गया। लेकिन राकेश पाण्डेय हत्याकांड में नाम आने की वजह से कांग्रेस से तनातनी हो गयी। इसके बाद वह अपने दम पर ही सदर सीट जीतते रहे। इसी साल 20 अगस्त को अखिलेश सिंह का निधन हो गया था।