कुशीनगर: 365 दिन में मिले 2353 एड्स रोगी, जानिए क्यों बढ़ रही है एड्स रोगियों की संख्या
अनिल यादव
कुशीनगर। जनपद में बाहर से कमाकर घर आने वाले परदेशियों व असुरक्षित यौन संबंध के कारण एचआईवी पाजिटीव की संख्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है । जिला प्रशासन व स्वयंसेवी संस्थाओं के लाख प्रचार - प्रसार - प्रयास के वावजूद भी पिछले डेढ़ दशक से एड्स का दानव हर वर्ष जवान होता जा रहा है और लोगों को अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है ।
यही कारण है कि जनपद में एचआईवी पाजिटीव रोगियों की संख्या का ग्राफ प्रति वर्ष बढ़ता ही चला जा रहा है । केवल 2019 यानी चालू वर्ष में अब तक एड्स प्रभावित 2353 रोगी मिल चुके है । रोगियों की जांच के लिए जिला संयुक्त अर पताल स्थित आईसीटीसी सेन्टर समेत कप्तानगज , खड्डा , हाटा , तरयासुजान , तमकुही , विशुनपुरा व कुवेरस्थान को मिलाकर कुल 8 केन्द्र जनपद में स्थापित है ।
विदित हो कि कुशीनगर जनपद का इलाका अतिपिछड़ा इलाका माना जाता है । गन्ना , धान , गेहूँ , दलहनी व तेलहनी फसलों के लिए यहां की जलवायु वेहतर है । इसके बावजूद वेरोजगारी से | वेकार यहाँ के युवा देश के दिल्ली , मुम्बई , चेनई , कलकत्ता आदि के साथ ही सऊदी अरव समेत अन्य देशों की ओर अपना रूख करते हैं ।
पैसा कमाकर अपने परिवार की माली हालत सुधारने की सोच से यह अपने घर - परिवार से वर्षो दूर रहते हैं । ऐसे में कई लोगों का गलत सम्बन्ध महानगरों या विदेशों में स्थित वदनाम गलियों में रहने वाली महिलाओं से हो जाता है । जिसके कारण कई बार वे एड्स के रोग के शिकार हो जाते हैं । वे जब वतन वापसी करते हैं तो उन्हें यह तो पता नहीं रहता कि जिस सोच के साथ वे घर छोड़े थे , वह सोच पूरा हुआ या नहीं हुआ ।
किंतु उनके साथ एचआईवी पाजिटीव का वायरस उनके घर तक चला आता है और अपने पत्नी से हुए प्रेम सम्बन्धों के बाद उनकी पत्नी एचआईवी पाजिटिव रोग के चपेट में आ जाती हैं । जाँच के बाद पता चलने पर दोनों के पैरों तले जमीन खिसक जाती है लेकिन समय निकलचका होता है । अब पछता कर हाथ मलने के शिवा इनदोनों के पास कुछरहही नहीं जाता है ।
यही कारण है कि प्रतिवर्ष जनपद में एचआईवी पाजिटीव रोगियों की संख्या बढ़ रही है , तो एड्स का दानव पल - पल जवान होता जा रहा है । आँकड़ों की बात करें तो जिला संयुक्त अस्पताल की स्थिति वर्ष 2004 से वर्ष 2019 तक के आँकडे जनपद में भयावह ही दिखायी दे रहे हैं । वर्ष 2004 में एचआईवा के रोगी महज महिला , पुरुष मिलाकर ) 21 पाये गये थे , तो वर्ष 2013 में इसकी संख्या 425 पहुँच गया था ।
हलाकि ऑकड़े बताते हैं कि वर्ष 2013 में जनपद में एडस पाजिटीव चार रोगियों की मौत हई थी . तो 2014 में भी एडस से प्रभावित चार रोगियों की असमय मौत हो गयी थी । तो चाल वर्ष 2019 में अब तक कुल 5660 मरीजों की जांच हुई । जिसमें 139 मरीज एचआईवी पाजिटिव के पाये गये । इनमें 83 पुरूषो की संख्या रही तो 56 महिलाओं की संख्या ।
यहां यह भी बता दे कि कुशीनगर जनपद की आल ओवर मरीजों की संख्या 2019 में देखा जाये तो जांच के दौरान 1116 पुरूप , 1019 महिला , 123 लड़का , 6 लड़की व 04 किनर एचआईवी रोग के पाजिटिव पाये गये । सबसे चौकाने वाली बात यह है कि इस बार लड़का व लडकियों के साथ ही किन्नर भी इस बिमारी की चपेट में आ गये हैं।