उन्नाव मामला: बेटी को देखने के लिए रोती हुई भागी मां, पिता को मीडिया से नहीं करने दी बात
लखनऊ: यहां श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल) हॉस्पिटल में गुरुवार सुबह करीब 10.30 बजे उन्नाव पीड़िता को लाया गया। पीड़िता को हॉस्पिटल की बर्न यूनिट में एडमिट कराया गया। यहां पीड़िता के पहुंचने के साथ ही हॉस्पिटल छावनी में बदल गया।
एडीजी जोन, एसएसपी लखनऊ समेत 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी डट गए। करीब 7 घंटे तक पीड़िता का सिविल हॉस्पिटल में इलाज हुआ। इस दौरान भास्कर रिपोर्टर की आंखों देखी। उन्नाव में दो दिन पहले जमानत पर छूटे गैंगरेप के 2 आरोपियों ने गुरुवार तड़के युवती को जला दिया था।
गैंगरेप पीड़िता को जिंदा जलाने की खबर के सुर्खियों में आते ही बड़ी संख्या में मीडिया में और नेताओं का हॉस्पिटल में जमावड़ा लगना शुरू किया। हालांकि, पुलिस ने किसी को भी हॉस्पिटल के अंदर नहीं जाने दिया।
पीड़िता की मां और पिता को गाड़ी में लेकर पहुंची
करीब 12 बजे पुलिस पीड़िता की मां और पिता को गाड़ी में लेकर पहुंची। पीड़िता की मां रोती हुई गाड़ी से उतरी और सीधे हॉस्पिटल की तरफ भागी। पीछे डबडबाई आंखों से पिता उतरे। साथ में आई महिला पुलिकर्मियों ने पीड़िता की मां को संभाला और अंदर ले गईं।
कुछ मीडियाकर्मियों ने पीड़िता के पिता से बात करने की कोशिश की। लेकिन, पुलिस घेरा बनाकर सीधे उन्हें हॉस्पिटल के अंदर ले गई। किसी से भी बात नहीं करने दी। करीब 20-25 मिनट बाद पुलिस के साथ पीड़िता के पिता वापस हॉस्पिटल से बाहर आए। पुलिस उन्हें वहां से किसी दूसरी जगह पर लेकर चली गई।
वक्त के साथ भीड़ और पुलिस बढ़ती गई
दोपहर 2 बजे तक हॉस्पिटल में पुलिस और भीड़ दोनों बढ़ गई। सबसे पहले उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल पहुंचीं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम और पूर्व मंत्री अहमद हसन समेत दर्जनभर नेता हॉस्पिटल पहुंचे। दिनभर हॉस्पिटल के बाहर नेताओं का आना जाना लगा रहा।प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी हॉस्पिटल पहुंचे और उन्होंने सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। दिनभर में करीब 500 से ज्यादा नेता और राजनीतिक कार्यकर्ता पहुंचे। नेताओं के साथ ही पुलिस भी बढ़ती गई।