रायबरेली: महाराजगंज दुसौती मार्ग की बदहाली बता रही है गड्ढा मुक्त सड़क के दावों की हकीकत
महताब खान
रायबरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में भाजपा सरकार के गठन के तत्काल बाद 3 महीने के भीतर उत्तर प्रदेश को गड्ढा मुक्त सड़क देने की बात कही थी। उनके निर्देश पर कुछ दिनों तक अधिकारियों के माध्यम से सड़कों में गड्ढा बंदी का अभियान चलाया गया लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया सरकार के दावों की हवा निकलनी शुरू हो गई। आज हालात इतने बदतर हो चुके हैं जिले मुख्य मार्गों को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों के संपर्क मार्ग इन्तेहाई खस्ता हालत को पहुंच गए हैं।
इसी कड़ी में महाराजगंज दुसौती मार्ग जो बीच में चंदापुर को जोड़कर तिलोई तक पहुंचाता है उसकी बदहाली किसी से छिपी नहीं है। बीते दिनों इस बात को लेकर ग्रामीणों ने जबरदस्त आंदोलन किया था। उनके आंदोलन के बाद प्रशासन ने 4-6 जगह पर गड्ढा बंदी कर लोगों का आक्रोश कम करने की कोशिश तो की लेकिन सड़क की खस्ताहाली को दूर करने के लिए आज भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका।
गौरतलब है कि महाराजगंज से दुसौती मार्ग जिसकी दूरी लगभग 12 किलोमीटर मानी जाती है और बीच में ही इसी रोड से एक सड़क निकल कर चंदापुर के रास्ते तिलोई को जोड़ने का काम करती है। इस पूरी सड़क पर दिन में हजारों की संख्या में वाहनों का आवागमन होता है। मोहनगंज से लखनऊ के लिए जाने वालों को यह सड़क काफी आसान पड़ती है।
ठीक इसी तरह जो लोग जायस से महाराजगंज और बछरावां आना चाहते हैं उनका सफर भी इसी सड़क से आसान रहता है। इसलिए छोटी सवारियों के साथ ही बड़ी संख्या में भारी वाहन भी रोज इधर से गुजरते हैं। उनके आवागमन से सड़क की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है कि लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। बताते हैं कि सड़क पर गड्ढों में फंसकर अब तक कई हादसे हो चुके हैं।
जिनमें घायल होने के साथ-साथ कुछ लोगों को अपनी जान भी गवानी पड़ी। इसी से नाराज होकर 1 माह पूर्व महाराजगंज में सड़क पर जन समुदाय ने आंदोलन कर तत्काल रोड की मरम्मत का अल्टीमेटम दिया था। जिसके बाद सड़क पर गड्ढा बंदी का दो-तीन दिन काम चला लेकिन सड़क के दुरुस्त होने से पहले काम फिर से बंद हो जाने से लोगों में काफी नाराज़गी है।
इसके अलावा पहरेमऊ से पहले हसनगंज गांव के पास सड़क पर जिस तरह से विभागीय ठेकेदार ने गिट्टी का ढेर जमा किया उससे हादसा और भी ज्यादा होने का खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीण चाहते हैं कि यदि विभाग के पास इतनी क्षमता नहीं है कि वह सड़क की बदहाली दूर कर सके तो कम से कम इस तरह बीचो-बीच गिट्टी का ढेर फैलाकर दुर्घटना को दावत भी न दे।