शिवाकांत अवस्थी
बछरावां/रायबरेली: कोतवाली क्षेत्र नटवीर नगर में धान के खेत में निराई करने गई एक महिला को जहरीले सर्प ने डस लिया। इलाज के लिए परिवारी जन पहले उसे झाड़-फूंक के लिए एक बाबा के पास ले गए जब वहां उस महिला को कोई फायदा नहीं हुआ तो उसे सीएसी लाया गया। यहां इलाज के दौरान मौत हो गई।
आपको बता दें कि, गांव निवासिनी चंद्रावती 39 पत्नी पूर्णमासी अपने धान के खेतों की निराई करने गई थी। जैसे ही वह खेत में घुसी, वहां छुपे बैठे जहरीले सर्प ने उसके पैर में डस लिया। उसने तुरंत अपने घर जाकर परिवारी जनों को पूरी बात बताई। घरवाले तुरंत उसको लेकर पहले रसूलपुर गांव पहुंचे जहां पर झाड़-फूंक का कार्य होता है। हालत में सुधर ना होता देख परिवार जन महिला को लेकर बछरावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां पर पहुंचते ही इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस हृदय विदारक घटना से परिवार वालों का रो रो कर बुरा हाल है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि, आज के दौर में भी लोग अंधविश्वास पर भरोसा करके झाड़-फूंक के चक्कर में अपनों की जान गवा बैठते हैं। अगर सर्पदंश के तुरंत बाद महिला को झाड़-फूंक में के लिए न ले जाकर अस्पताल ले जाया जाता, तो शायद महिला की जान बच सकती थी। अंधविश्वास के चक्कर में महिला की मौत हो गई।
बछरावां/रायबरेली: कोतवाली क्षेत्र नटवीर नगर में धान के खेत में निराई करने गई एक महिला को जहरीले सर्प ने डस लिया। इलाज के लिए परिवारी जन पहले उसे झाड़-फूंक के लिए एक बाबा के पास ले गए जब वहां उस महिला को कोई फायदा नहीं हुआ तो उसे सीएसी लाया गया। यहां इलाज के दौरान मौत हो गई।
आपको बता दें कि, गांव निवासिनी चंद्रावती 39 पत्नी पूर्णमासी अपने धान के खेतों की निराई करने गई थी। जैसे ही वह खेत में घुसी, वहां छुपे बैठे जहरीले सर्प ने उसके पैर में डस लिया। उसने तुरंत अपने घर जाकर परिवारी जनों को पूरी बात बताई। घरवाले तुरंत उसको लेकर पहले रसूलपुर गांव पहुंचे जहां पर झाड़-फूंक का कार्य होता है। हालत में सुधर ना होता देख परिवार जन महिला को लेकर बछरावां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां पर पहुंचते ही इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस हृदय विदारक घटना से परिवार वालों का रो रो कर बुरा हाल है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि, आज के दौर में भी लोग अंधविश्वास पर भरोसा करके झाड़-फूंक के चक्कर में अपनों की जान गवा बैठते हैं। अगर सर्पदंश के तुरंत बाद महिला को झाड़-फूंक में के लिए न ले जाकर अस्पताल ले जाया जाता, तो शायद महिला की जान बच सकती थी। अंधविश्वास के चक्कर में महिला की मौत हो गई।
0 Comments