इस मुस्लिम देश में अनिवार्य है रामायण पढ़ना, यहां रामायण को दिया जाता है कुरान के बराबर महत्व
हमारी दुनिया बहुत बड़ी है। हजारों सालों से ही हिंदू व मुस्लिम धर्म को अलग अलग रखा गया है। बता दें कि दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया को माना जाता है। क्योंकि इस देश में 12.07 प्रतिशत मुस्लिम लोग निवास करते है। भारत में सिर्फ मुस्लिम जाति का 10.09 प्रतिशत हिस्सा ही निवास करता है। वहीं पाकिस्तान में 11 प्रतिशत हिस्सा निवास करता है।
आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बिताने जा रहे है जो दुनिया का सबसे मुस्लिम देश माना गया है और यहां पर हिंदूओं की तरह रामायण पढ़ना अनिवार्य है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हम बात कर रहे है इंडोनेशिया की। जहां पर कुरान के साथ साथ रामायण को भी उतना ही महत्व दिया जाता है और राम नाम का पाठ किया जाता है। यहां पर कई हिंदू मंदिरो का भी निर्माण किया गया है।इंडोनेशिया की भाषा को 'बहासा इंदोनेसिया' कहते हैं. उनकी भाषा पर संस्कृत का काफी प्रभाव दिखता है.
इंडोनेशिया के महान नेता सुकर्णो का नाम महाभारत के किरदार कर्ण से ही लिया गया है. इस देश की सबसे चौंका देने वाली बात है कि यहां पर आधे से ज्यादा लोगों के नाम संस्कृत में रखे गए है।
बताया जाता है कि यहां पर संस्कृत जावानीज भाषा का हिस्सा बन चुकी है. इंडोनेशियाई और जावानीज भाषा में संस्कृत के बोध वाले कई शब्द मिल जाएंगे। बह और शाम नवाज के बाद इंडोनेशिया के लोगों रामायण का भजन भी सुनते हैं और उससे काफी प्रेरित होते हैं। इंडोनेशिया की धर्म सहिष्णुता मिसाल के लायक है. यहां के मुसलमानों और हिंदुओं के मन में दूरियां नहीं है।
आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बिताने जा रहे है जो दुनिया का सबसे मुस्लिम देश माना गया है और यहां पर हिंदूओं की तरह रामायण पढ़ना अनिवार्य है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हम बात कर रहे है इंडोनेशिया की। जहां पर कुरान के साथ साथ रामायण को भी उतना ही महत्व दिया जाता है और राम नाम का पाठ किया जाता है। यहां पर कई हिंदू मंदिरो का भी निर्माण किया गया है।इंडोनेशिया की भाषा को 'बहासा इंदोनेसिया' कहते हैं. उनकी भाषा पर संस्कृत का काफी प्रभाव दिखता है.
इंडोनेशिया के महान नेता सुकर्णो का नाम महाभारत के किरदार कर्ण से ही लिया गया है. इस देश की सबसे चौंका देने वाली बात है कि यहां पर आधे से ज्यादा लोगों के नाम संस्कृत में रखे गए है।
बताया जाता है कि यहां पर संस्कृत जावानीज भाषा का हिस्सा बन चुकी है. इंडोनेशियाई और जावानीज भाषा में संस्कृत के बोध वाले कई शब्द मिल जाएंगे। बह और शाम नवाज के बाद इंडोनेशिया के लोगों रामायण का भजन भी सुनते हैं और उससे काफी प्रेरित होते हैं। इंडोनेशिया की धर्म सहिष्णुता मिसाल के लायक है. यहां के मुसलमानों और हिंदुओं के मन में दूरियां नहीं है।
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