भिखारियों की ये हकीकत जानकार आपके होश उड़ जायेंगे
जयपुर। किसी व्यक्ति के कपड़े फटे हुए हैं। हाथ में चोट है। बाल जंगलियों की तरह बढ़े हुए हैं और वह सड़क पर चलते हुए पैसे मांगता है, या फिर कोई दिव्यांग है तो आप उसे भिखारी समझ उस पर दया दिखाते हैं। लोग भिखारियों पर दया कर के पैसे दे देते हैं यह भिखारियों का एकतरफा पहलू है।
भिखारियों का दूसरा पहलू भी होता है जो समाज के सामने नहीं आता। अगर आप भी उन्हें खाना एवं जरूरत का सामान दे देते हैं तो ऐसी गलती मत कीजिए क्योंकि जिसे आप भिखारी समझ कर पैसे दे देते हैं। वह असल में भिखारी नहीं होते। बल्कि वह मेहनत नहीं करना चाहते। वह बस बैठे-बैठे ही सब करना चाहते हैं और धीरे-धीरे उनकी इस आदत को हम और अधिक बिगाड़ देते हैं। जिससे वह सिर्फ दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं।
इन भिखारियों के पीछे किस तरह का संगठित गिरोह काम कर रहा है। ये लोग न सिर्फ इसे कारोबार की तरह चला रहे है, बल्कि कई बड़े लोग भी इसमें शामिल हैं। ऐसी खबरे तो अक्सर आती ही रहती हैं लेकिन समय इतना भी बदल जाएगा यह कभी नहीं सोचा था। यब कभी नहीं सोचा था कि लोग MA और BA करके भीख मांगने लग जाएंगे। यह सब हम नहीं कह रहे हैं बल्कि इस बात का खुलासा खुद राजस्थान की जयपुर पुलिस ने किया है।
उन्होने अपने शहर को भिखारी मुक्त बनाने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए उन्होंने कई कदम उठाएं हैं। उन्होंने अपने शहर के तमाम भिखारियों को चिन्हित करना शुरू कर दिया। इस दौरन उनके पास जो आंकड़े आए हैं। उन्होंने उनके होश फाख्ता कर दिए हैं। कभी अपनी आंखे मिचमिचते तो कभी बड़ा से मुंह खोल लेते हैं, क्योंकि उनके शहर में बीए एमए की डिग्री लेकर भीख मांगे जा रहे हैं। उनको रत्ती भर भी इन आंकड़ों पर विश्वास नहीं हो रहा था। इसके बाद खुद वो इन आंकड़ों की तस्दीक करने के लिए जमीन पर उतरे, लेकिन बावजूद इसके जमीन और आंकड़ों में कोई फर्क नहीं दिखा।
शहर के 196 भिखारियों में से 6 भिखारी तो ग्रेज्यूएट और पोस्ट ग्रेज्यूएट हैं। जबकी 193 भिखारी कक्षा एक से लेकर 12 तक की पढ़ाई कर चुके हैं और 39 साक्षर हैं। 1196 भिखारियों में 231 बेलदारी का काम जानते हैं तो 103 मजदूरी कर सकते हैं। 27 पढ़ाई का, 59 केटरिंग का, 9 कबाड़ी का, 7 होटल का, 2 झाडू पोंछा का, 9 चौकीदारी और 7 सफाई का काम जानते हैं। इनमे से कई भिखारी तो ऐसे हैं, जो स्नातक की पढ़ाई बीच में ही छोड़ चुके हैं और इनमे से तो कई ऐसे भिखारी भी सामने आ चुके हैं, जो अपनी मर्जी से भीख मांग रहे हैं।
उधर, अब शहर के इन भिखारियों को चिन्हित करने के बाद इनके पूर्नवास पर विचार किया जा रहा है। इन सभी लोगों को अब रोजगार मुहैया कराए जाएंंगे, ताकि यह लोग भीख न मांगे। यहां पर हम आपको बताते चले कि चिन्हित किए गए इन भिखारियों में से 800 भिखारी राजस्थान के ही हैं। जबकी 95 भिखारी उत्तर प्रदेश के हैं। जयपुर में 18 राज्यों के भिखारी मौजूद हैं। इनमें 150 दिव्यांग और बुजुर्ग है तो अन्य को कोई ना कोई रोग है।
ऐसा सिर्फ जयपुर में ही नहीं हो रहा बल्कि राजस्थान के साथ लगते हरियाणा में भी पुरजोर हो रहा है। हरियाणा के लगभग इलाकों में हुई चोरियों में भी यही सामने आया है कि दिन में भिखारी महिलाएं या दिव्यांग बच्चों के साथ भीख मांगते हुए देखे गए और रात को चोरियां हुई । पुलिस के मुताबिक ये लोग भिखारी वेश में दिन में रेकी करते हैं कि किन घरों में ताले लगे है और किन घरों में बुजुर्ग हैं ताकि वे लोग रात को बेरोकटोक अपनी मंशा में कामयाब हो पाएं। इसलिए आगे से इन लोगों पर दया करने से पहले सोचियेगा जरूर।
साभार गरिमा टाइम्स
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