आप फेसबुक और मोदी सरकार के रिश्ते की क्रोनोलॉजी को समझिए
सौमित्र रॉय
चलिए, फेसबुक और मोदी सरकार के रिश्ते को थोड़ा और गहराई से खंगालते हैं। बस आप इस क्रोनोलॉजी को समझिए:
1. जून 2017 में भारत के निर्वाचन आयोग ने फेसबुक के साथ मतदाता जागरूकता कार्यक्रम की आड़ में गठजोड़ किया। इसे फेसबुक इंडिया की तरफ से सार्वजनिक नीति की मुखिया अंखी दास और तत्कालीन मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. नसीम जैदी ने शुरू किया।
2. एक साल बाद 23 मार्च 2018 को तत्कालीन मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने ऐलान किया कि डेटा लीक की आशंका को देखते हुए फेसबुक से साझेदारी की समीक्षा की जाएगी। ऐसा इसलिए, ताकि चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर आंच न आए।
3. फिर अचानक क्या हुआ कि 4 दिन बाद ही 27 मार्च को निर्वाचन आयोग का मन बदल गया और उसने कहा कि तमाम जोखिमों के बाद भी वह फेसबुक से साझेदारी जारी रखेगा।
4. इसके दो दिन बाद ही 29 मार्च को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने मीडिया से कहा कि कैम्ब्रिज एनालिटिका के इस खुलासे के बाद कि फेसबुक ने अमेरिका के चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित किया है, भारत को इस गठजोड़ पर पुनर्विचार करना चाहिए।
5. लेकिन फरवरी 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले निर्वाचन आयोग ने सिफारिश की कि फेसबुक, गूगल और ट्विटर पर राजनीतिक विज्ञापन निर्वाचन आयोग की पूर्वानुमति से ही जारी होंगे।
6. सुधीर सूर्यवंशी ने इस मामले पर बांबे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की थी।
7. इसकी कार्यवाही के दौरान हाईकोर्ट ने फेसबुक और गूगल से कहा कि वह मामले में हलफनामा दायर करे। गूगल ने तो निर्वाचन आयोग की पूर्वानुमति की शर्त मान ली, लेकिन फेसबुक ने कहा कि वह तो विज्ञापनदाताओं की पहचान और उनकी लोकेशन के साथ कुछ जानकारियों के आधार पर विज्ञापन जारी करेगा।
8. यानी फेसबुक ने खुद को भारतीय संविधान से ऊपर रखते हुए निर्वाचन आयोग की शर्त को ठुकरा दिया।
9. इसके बाद भी निर्वाचन आयोग ने फेसबुक के साथ करार क्यों जारी रखा ? क्या इसके लिए भी ऊपर से आदेश आया था ? अगर हां तो किसका ?
अब तो इस पर भी सवाल है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गले मिलने वाले फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को इस पूरे खेल के बारे में बिल्कुल भी नहीं पता था ?
क्या यह संभव है कि उनकी कंपनी बिना सीईओ को जानकारी दिए दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ डील कर ले ? इस मुद्दे में जितना गहराई से घुसेंगे, नए कंकाल मिलेंगे। अभी तो खेल शुरू हुआ है।