एक बेटा नेता, दूसरा बेटा अफसर, उसके बाबजूद सड़क पर रह रही मां को मिली दर्दनाक मौत
मुक्तसर: बीते दिनों पंजाब के मुक्तसर में एक बुजुर्ग महिला लावारिस हालत में मिली थी. मुक्तसर के बूड़ा गुज्जर रोड पर मिली इस बुजुर्ग महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक महिला का एक बेटा आबकारी विभाग में काम करता है जबकि दूसरा बेटा नवगठित राजनीतिक पार्टी का सदस्य था. दो-दो बेटे होने के बावजूद भी लाचार बूढ़ी मां सड़क पर रहने को मजबूर थी.
बेसहारा बुजुर्ग मां का मामला सामने आने के बाद अनदेखी करने वाले उनके बेटों के खिलाफ समाज के विभिन्न वर्गों में आक्रोश है. स्थानीय लोगों ने एक लोक चेतना मंच बनाकर मजिस्ट्रेट से मुलाकात की. उन्हें बुजुर्ग मां की दुर्गति करने वाले बेटों को 'लानत शील्ड' देने की मांग की गई. इसके साथ ही मांग की गई है कि पंजाब सरकार इस मामले की जांच करवाकर अनदेखी करने वाले बेटों के खिलाफ कार्रवाई करे.
एक बुजुर्ग स्थानीय महिला ने कहा, 'कहते हैं कि मां की अरदास कभी खाली नहीं जाती. पर याद रखना उस मां की बद्दुआ भी टाली नहीं जा सकती और अब उस बेबस मां की मौत ने अपने ही बेटे को कटघरे में खड़ा कर दिया है. जब जांच शुरू हुई तो बेटों को अपनी मां याद आई.' जिस बेटे को अपनी मां की हालत पर तरस नहीं आई थी वही बेटा अब लोगों से हमदर्दी की गुहार लगा रहा है.'
हालांकि बेटे रजिंदर सिंह राजा का कहना है कि उसने अपनी मां को आपने भाई के पास छोड़ा था. हालांकि रजिंदर राजा ने अपने आप को दोषी मानने से भी इनकार नहीं किया.
सुखदेव सिंह ढींढसा द्वारा बनाई गई पार्टी अकाली दल (डी) में कुछ समय पहले ही मुक्तसर में करवाए गए एक प्रोग्राम के दौरान महिला के बेटे रजिंदर सिंह राजा को पार्टी में शामिल किया गया था. लेकिन मां की दुर्गति करने का मामला सामने आने के बाद उसे पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है.