शरद पवार महाराष्ट्र के मुलायम सिंह यादव हैं, जानिए कैसे?
नदीम एस. अख्तर
शरद पवार महाराष्ट्र के मुलायम सिंह यादव हैं। #SSR यानी सुशांत केस पर #सुप्रीम #कोर्ट के फैसले के बाद शरद के पोते पार्थ पवार ने ट्वीट किया- 'सत्यमेव जयते'।
मतलब समझे आप! महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस की सरकार अस्थिर समझिए। अंदरखाने। शरद पवार भी सरकार में हैं, पर कितने ड्रामे के बाद उनके भतीजे अजीत पवार ने बीजेपी से हाथ मिलाकर, हाथ झटका था, याद है ना! तब भी हमने इसी #facebook पर लिखा था कि ये सारा ड्रामा शरद पवार की सहमति से हो रहा है। वह कांग्रेस और बीजेपी, दोनों से bargain कर रहे थे। पर बीजेपी पिछड़ गई और शिव सेना के दबाव में मराठा पवार ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली।
शरद पवार को कांग्रेस ने सबकुछ दिया पर वह कांग्रेस के नहीं हुए। सोनिया के विदेशी मूल का बहाना बनाकर अपनी पार्टी बना ली। क्या आश्चर्य कि कल को महाराष्ट्र में भी मध्य प्रदेश की तरह कांग्रेस की सरकार गिर जाए। सब सत्ता में रहेंगे, बांटकर राज भोगेंगे, सिर्फ कांग्रेस को बाहर निकालना है। उम्मीद है, जल्द ये होगा। पल्ला झाड़ने में सुशांत मामले का भी सहारा है।
कोर्ट ने उसी लाइन पे फैसला सुनाया, मुम्बई पुलिस की भयंकर किरिकिरी हो गई क्योंकि उसने इस हाई प्रोफाइल केस में बहुत गैर पेशेवर रवैया अपनाया। #FIR दर्ज कर ली होती तो कोर्ट में मजबूत दलील दे सकती थी और तब सिंगल बेंच कोर्ट चाहकर भी केस सीबीआई को नहीं दे पाता। मुम्बई पुलिस इसमें भारत के संघीय ढांचे और राज्य की स्वतंत्रता का मसला उठाकर विरोधियों के हाथ पैर बांध सकती थी। अब मुम्बई पुलिस की जो फजीहत हुई है, इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
मुझे पूरा संदेह है कि पॉलिटिकल प्रेशर में मुम्बई पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। यहीं से सुशांत की आत्महत्या पर सवाल उठने शुरू हो जाते हैं। क्या ये मर्डर था? फिर आदित्य ठाकरे का नाम भी रिया चक्रवर्ती ने लिया है कि वह उसे नहीं जानती। अब जब जांच केंद्र सरकार के अधीन वाली सीबीआई करेगी, तब सोचिए दबाव किस पर और क्या पड़ेगा? शिव सेना को घेरा जा सकता है। आदित्य, उद्धव के सुपुत्र हैं और उन्हीं की जिद से महाराष्ट्र में शिव सेना की कांग्रेस के साथ सरकार बनी है।
अब कुछ समझ आया आपको? सुशांत का मामला हत्या/ आत्महत्या कम और पॉलिटिकल ज्यादा है। किसी भी तरीके से उद्धव ठाकरे को झुकाना है। कमज़ोर नस मिल गई है। मराठा शरद पवार ने अपने पोते पार्थ के ज़रिए इशारा कर दिया है यानी वह फिर जोड़तोड़ के लिए तैयार दिखते हैं।
एक और विकल्प बताता हूँ। अगर बीजेपी, पवार की एनसीपी और शिव सेना/कांग्रेस के बागी विधायक मिलकर महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बना लें तो? चौंकिएगा मत। असम्भव को संभव करने का नाम ही राजनीति है।
और अगर उद्धव झुक गए तो पवार का गेम खराब हो जाएगा। तब मुरझाए राज ठाकरे एक्शन में दिखेंगे और एक बार फिर महाराष्ट्र में बीजेपी-शिव सेना की सरकार बन जाएगी। सारे गिले-शिकवे भुलाकर। और हर परिस्थिति में घण्टा कांग्रेस का ही बजाया जाएगा। इस पार्टी की महादुर्गति का और क्या सबूत दूं कि अब राहुल गांधी की रज़ामन्दी से प्रियंका गांधी भी कह रही हैं कि कांग्रेस का अध्यक्ष, गांधी परिवार से कोई बाहर का आदमी बने।
तो सोचिए जो पार्टी खुद अपना संगठन नहीं चला पा रही, वह राज्य की सरकार क्या चलाएगी? केंद्र में तो सत्ता में आने का खाब देखना भी उसके लिए अपराध है। इंदिरा गांधी ने कभी सोचा ना होगा कि उनकी कांग्रेस का भारत में कभी ये हश्र होगा, वरना वह पहले ही उन जड़ों को काट देती, जो आज वट वृक्ष बनकर कांग्रेस को निगल चुका है।