कोरोना से ज्यादा खतरनाक है ये वायरस, शरीर के इस अंग पर...
बीजिंग। विश्व में चीन से चिढ़ की वजह बन रहा है, वहां एक के बाद एक वायरस का फैलना। जबसे कोरोना वायरस के संक्रमण ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया है, चीन के प्रति लोगों में लगातार नकारात्मक भावनाएं बढ़ रही हैं।
पूरी दुनिया में अब तक कई लाख लोग इस वायरस के संक्रमण के कारण अपनी जान से हाथ धो चुके हैं। इसके बाद भी चीन से कभी सुअर तो कभी चूहे के कारण फैलने वाले वायरस की खबरें आती रही हैं। अब चीन में एक और वायरस के फैलने की खबरें आ रही हैं, जिसने अब तक 7 लोगों की जान ले ली है और 67 लोगों को संक्रमित किया है।
इस समय चीन में जिस वायरस के संक्रमण का डर बढ़ रहा है, उस वायरस का नाम है टिक बोर्न वायरस यह कोई नया वायरस नहीं है। बल्कि साल 2009 में भी यह वायरस चीन में फैला था। तब इस पर नियंत्रण कर लिया गया था और अब एक बार फिर इसने लोगों को संक्रमित करना शुरू कर दिया है। यह वायरस दो तरीकों से इंसानों में फैल रहा है।
चीन में टिक बोर्न वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर्स का कहना है कि टिक बोर्न वायरस एक तो टिक्स के काटने से फैल रहा है। साथ ही यह ह्यूमन-टु-ह्यूमन ब्लड और म्यूकस के जरिए फैल सकता है। हालांकि यदि समय रहते ध्यान दिया जाए तो इस वायरस का इलाज संभव है। चीन में जिन लोगों को अभी तक टिक बोर्न वायरस ने अपनी चपेट में लिया है, उनमें शुरुआती स्तर पर बुखार और खांसी देखने को मिली है। इसके साथ ही बहुत अधिक कमजोरी महसूस होती है।
डॉक्टर्स ने जब इन मरीजों का ब्लड टेस्ट किया तो उसमें पता चला कि इनके शरीर में प्लेटलेट्स काउंट काफी कम हो गया है। साथ ही इनके रक्त में ल्यूकोसाइट की गिरावट भी देखी गई। कुछ पेशंट्स को टिक के काटने से हुए इस इंफेक्शन के चलते एक महीने तक भी हॉस्पिटल में रहना पड़ा है।
कोरोना की तरह ही इस वायरस के लक्षण भी हर पेशेंट में दूसरे से अलग हो सकते हैं। जैसे किसी को बुखार के साथ सिर में तेज और लगातार दर्द का होना, बहुत अधिक थकान होना और मांसपेशियों में दर्द होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। टिक्स से फैलनेवाले इस वायरस के कारण 'गंभीर बुखार के साथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम' भी हो जाता है।
इस समय यह वायरस चीन के दो अलग-अलग प्रांतों में फैला है। जहां 37 और 23 लोग इसकी चपेट में हैं। वहीं, इससे पहले साल 2009 में इस वायरस का आतंक देखने को मिला था। आप भी सावधान रहें, क्योंकि चीन तो अपने अगले वायरस को लेकर तैयार है।