अंकुर गुर्जर
भूमि पूजन के लिए रैड कार्पेट बिछ चुका है। अकेले रैंप वॉक करने की पूरी तैयारी हो चुकी है। राम मंदिर आंदोलन के अगुवा रहे आडवाणी - जोशी को निमंत्रण तक नहीं भेजा गया है। बस इधर उधर से खबर आ रही हैं कि उनको फोन जाएगा, वो घर पर ही देखेंगे और न जाने क्या क्या! जबकि होना तो ये चाहिए था कि उनको सबसे पहला निमंत्रण जाता।
वैसे भी आडवाणी की ऐसी अनदेखी पहली बार नहीं हुई है। पहले पीएम की आस लगाए बैठे आडवाणी की आस पर कोई और कुर्सी डाल के बैठ गया। फिर राष्ट्रपति भी नहीं बनाया। गांधी नगर से उनकी सीट पर शाह को उतार दिया ,बहुत कुछ...!
ख़ैर आगे बढ़ते हैं, अब उमा भारती भी कह रही हैं corona की वजह से उनको पीएम की चिंता है इसलिए वो कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी। कुल मिलाकर फ्रेम में अकेले आने का पूरा कार्यक्रम भी सैट कर दिया गया है।
वैसे भी लड्डू बनाने वाला लड्डू नहीं खाता है । वही यहां पर भी होगा। सुब्रमण्यन स्वामी जैसे लोग कहते रहें कि उनका राम मंदिर में कुछ योगदान नहीं है। लेकिन जो तस्वीर आएगी वो अकेले की ही होगी। और वो सदियों तक कुछ और कहानी कहेगी।
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