आपकी सेवा में सदैव तत्पर ये स्लोगन उत्तरप्रदेश पुलिस का है लेकिन उसकी सेवा लोगों की जान और महिलाओं की आबरू बचाने के लिए भारी पड़ रही है।उ...
आपकी सेवा में सदैव तत्पर ये स्लोगन उत्तरप्रदेश पुलिस का है लेकिन उसकी सेवा लोगों की जान और महिलाओं की आबरू बचाने के लिए भारी पड़ रही है।उत्तरप्रदेश पुलिस के कारनामों ने एक बार फिर से खाकी को तारतार किया है।
दरअसल मामला जनपद जालौन का है जहां कालपी के एक मोहल्ला की रहने वाली युवती ने थाना नदीगांव में चालक के पद पर तैनात राजपाल भदौरिया पर आरोप लगाया है कि 26 जनवरी के दिन पुलिस लाइन में उसकी मुलाकात सिपाही राजपाल भदौरिया से हुई थी जिसके बाद उससे फोन पर चैटिंग शुरू हो गई और फिर मेरे घर आना जाना शुरू कर दिया।
आरोप है कि सिपाही शादी का झांसा देकर शारीरिक उत्पीड़न करता रहा और जब उसने शादी का दबाव बनाया तो पता चला कि वह पहले से ही शादी शुदा है जिसके बाद उसने मामले की शिकायत की तो आरोपी सिपाही ने उस पर दबाव डालते हुए समझौता कर लिया जिसके बाद आरोपी सिपाही लगातार उसे प्रताड़ित कर रहा है फिलहाल राजपाल भदौरिया उत्तरप्रदेश पुलिस के कर्मठ सिपाही हैं जब तक शांत दिखते है इंसान ही मानिए अगर इनके अंदर का शैतान जाग जाए तो ये इसी खाकी को खूंटी में टांग देते हैं,कानून को मिशल कर रख देते हैं।
जालौन जनपद के नदीगांव थाना में चालक के पद पर तैनात है ये राजपाल भदौरिया वैसे इनके कर्म भी ऐसे है जिसको सुनकर आप भी इनको बड़ी भूल ही करार देंगे।दरअसल 23 जून को करीब दोपहर 12:30 बजे पहुंचे इस युवती के घर,युवती ने आरोप लगाया है कि इस सिपाही ने मेरे साथ बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया है,लूट ली उसकी अस्मत खाकी के जोर पर।वैसे अभी तक न मिला ये होनहार सिपाही जिसने खाकी के माथे पर कलंक लगाने का काम किया है फिलहाल ये आरोप सच है या नही इसकी पुष्टि हम नही करते खैर ये जांच का विषय है खैर पीड़िता ने एसपी को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।
जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रार्थना पत्र लिए खड़ी युवती खाकी के लाल पर आरोपों की तजदीक करती है,बताती है कि किस तरह अपनी खाकी का रौब दिखा कर एक लड़की को शादी के सपने दिखा कर उसकी इज्जत के साथ खेलता रहा ये,लूटता रहा उसकी अस्मत।कानून की धाराओं से खाकी को सिलने वालों देखो उन्ही धाराओं को खाकी के इस लाल ने धागे धागे कर दिया है,मांगती है इंसाफ एक बेटी कि उसके साथ जो हुआ उसके बदले में उसे सजा मिले,सबूतों पर अपनी कलम चलाने वालों क्यों कांपता है हाँथ,क्यों लड़खड़ाती है जुबान बोलो अपने साथ हुए अत्याचार की व्यथा ने इसे तोड़ कर रख दिया है और कानून के रखवालों के कानूनी दांवपेंचों ने इसे हिलाकर रख दिया है।एक नही,दो नही,कई मामले ऐसे है जहां कानून के रखवालों ने कानून को कुचल कर रख दिया है और कहते हैं कि उत्तरप्रदेश को भयमुक्त और अपराधमुक्त बनाएंगे।
*रिपोर्ट-मो रईस*