दीपक कुमार रायबरेली: मुंशियों को कुर्सी प्रेम आखिर क्यों!! लंबे समय से इनका ट्रांसफर भी नहीं हुआ है और जो अभी वर्तमान में तबादला एक्सप्...
दीपक कुमार
रायबरेली: मुंशियों को कुर्सी प्रेम आखिर क्यों!! लंबे समय से इनका ट्रांसफर भी नहीं हुआ है और जो अभी वर्तमान में तबादला एक्सप्रेस एसपी साहब (रायबरेली) ने चलाई है। वह भी लगभग फेल है, क्योंकि अधिकतर मुंशी अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं। क्योंकि यहीं से उनकी मोटी कमाई होती है। कमाई का खेल कंफर्म रहता है। ताजा मामला जगतपुर कोतवाली क्षेत्र का है, यहां लंबे समय से जमे पंकज तिवारी का ट्रांसफर सलोन हो चुका है। फिर भी वह कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं। इनके झल्लाहट की अति तब हो गई, जब वो यहां तक उतर आए कि, एक खबर की पड़ताल करने कोतवाली गए पत्रकार से अभद्रता की। साथ में साथी कोतवाली स्टॉप सुरेश कुमार तिवारी ने उसे भगा दिया। यह कहां तक ठीक है। इसका जवाब तो अब कप्तान साहब अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए सीधा इनकी कार्यशैली से रूबरू होकर देगे। लेकिन यहां ध्यान इस ओर ले जाना बेहतर होगा कि, प्रभारियों से ज्यादा मुंशी को कुर्सी से प्रेम होता है। क्योंकि इनकी अंधी कमाई होती है, पब्लिक से सीधा टच भी नहीं होता, मतलब क्रीम ही क्रीम। पूरी तरह से कोतवाली मे सेटिंग - गेटिग कार्यों को मैनेज करते हैं। सीओ और प्रभारी को खबर भी नहीं होती।
क्षेत्र में पूरी ब्लैक डीलिंग मैनेजमेंट। थाने में इन्हीं से होती है। क्षेत्र में किसी भी प्रकार के अवैध धंधे यह संचालित करवाते हैं। बस हर कार्य का अलग-अलग मूल्य होता है। शायद कोतवाल को भी पता नहीं होता इसी का दुष्परिणाम है कि, प्रभारियों के अनजाने में मोटी कमाई कमाते हैं, और प्रभारियों को पता भी नहीं चलता। यदि किसी प्रकार की शिकायत या ऑडियो - वीडियो वायरल होता है, तो सीधे प्रभारी पर कार्रवाई होती है। ऐसे मुंशीयो पर नहीं? पत्रकार ने इसकी शिकायत जगतपुर प्रभारी और सीओ अशोक कुमार सिंह से की है।