किसी गरीब मजलूम विपणन और आवास बिहीन व्यक्ति को अस्थाई तौर पर सर छुपाने के लिए जगह देना अपराध है, तो इस अपराध के लिए गंगाराम कोई भी सजा भ...
किसी गरीब मजलूम विपणन और आवास बिहीन व्यक्ति को अस्थाई तौर पर सर छुपाने के लिए जगह देना अपराध है, तो इस अपराध के लिए गंगाराम कोई भी सजा भुगतने को तैयार है।
शिवाकांत अवस्थी
महराजगंज/रायबरेली: विकासखंड क्षेत्र के कैर गांव में भू माफिया द्वारा सरकारी जमीन पर बलपूर्वक कब्जा करने के मामले में ग्राम प्रधान व अन्य ग्रामीणों द्वारा उप जिलाधिकारी महराजगंज से मिलकर कार्यवाही करने की मांग को लेकर ज्ञापन देने के बाद भूमाफियाओं द्वारा ग्राम प्रधान के विरुद्ध पेस बंदी में झूठे आरोप लगाकर ग्राम प्रधान को बदनाम करने का अभियान छेड़ दिया गया है। इसी क्रम में सोशल मीडिया के कुछ तत्व भी भू माफियाओं के नापाक इरादों में शामिल हो गए हैं। इस मामले में ग्राम प्रधान ने आज इस संवाददाता से बात करते हुए सारे आरोपों को नकार दिया है, और कहा है कि, भू माफियाओं की इस साजिश को बेनकाब करने के लिए आवश्यकता पड़ी, तो वह कोर्ट की शरण भी लेंगे।
आपको बता दें कि, ग्राम प्रधान गंगाराम पासी और उनके ग्राम पंचायत सदस्य तथा गांव के रहने वालों ने बीते शुक्रवार को उप जिलाधिकारी विनय कुमार मिश्रा को लिखित ज्ञापन देकर आरोप लगाया था कि, उनके गांव के रहने वाले दो भू माफियाओं ने ग्राम समाज की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रातो रात पेड़ लगवा दिए थे। जबकि यह जमीन ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव करके आंगनबाड़ी केंद्र व सुलभ शौचालय कांप्लेक्स बनवाने के लिए प्रस्तावित की गई थी। उप जिलाधिकारी के निर्देश पर कानूनगो और लेखपाल ने मौके पर जाकर नाप जोख कर जमीन का चिन्हांकल कर दिया था।
ज्ञापन की जानकारी जैसे ही भू माफियाओं को हुई, तो उन्होंने षड्यंत्र रचते हुए कुछ खरीदे गए दलाल किस्म के लोगों के द्वारा प्रधान के विरुद्ध ही आंगनवाड़ी भवन में अपनी भैंस बांधनी तथा ग्राम पंचायत सचिवालय में अवैध कब्जे करने की झूठी खबर चलवा दी। जबकि संवाददाता ने प्रधान के बुलाने पर मौके पर जाकर जांच की, तो पता चला की आंगनबाड़ी केंद्र पर ना तो कहीं भूसा भरा है, और ना ही कोई भैंस बंधी है। बल्कि केंद्र से काफी दूर एक भैंस जरूर बंधी हुई थी।
इसके अलावा दूसरा आरोप भी निराधार निकला। जबकि ग्राम पंचायत सचिवालय में प्रधान का कोई कब्जा न होकर गांव के ही एक निर्धन रामबरन पुत्र साहेब दीन रैदास जिसका मकान बरसात में जमींदोज हो गया था, उसके रहने के लिए झोपड़ी तक नहीं बची थी। हालाकी रामबरन के नाम कॉलोनी स्वीकृत हो गई है, उसके अनुनय विनय करने पर ग्राम प्रधान द्वारा अस्थाई तौर पर ग्राम पंचायत सचिवालय के खाली पड़े स्थान पर गुजर बसर करने की अनुमति दी गई थी। इस बारे में ग्राम प्रधान ने कहा है कि, किसी गरीब मजलूम विपणन और आवास बिहीन व्यक्ति को अस्थाई तौर पर सर छुपाने के लिए जगह देना अपराध है, तो इस अपराध के लिए वह कोई भी सजा भुगतने को तैयार है।
ग्राम प्रधान ने यह भी आरोप लगाया कि, खबरें चलने से पहले एक नंबर से उनके मोबाइल पर फोन भी आया कि, उनके खिलाफ फर्जी खबर चला दी जाएगी, अन्यथा वह आकर इन लोगों से मिलकर समझ लें। प्रधान ने इस मांग को तुरंत ठुकराते हुए कहा कि, उन्होंने कोई भी काम अनैतिक या गैरकानूनी नहीं किया है, तो किसी से नही मिलेंगे और न ही समझेंगे। जिसका परिणाम यह रहा कि, भू माफियाओं के इशारे पर तथाकथित सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से उनके खिलाफ आधारहीन, तथ्यहीन, बलहीन, खबर चला दी गई।
ग्राम प्रधान ने यह भी कहा कि, वह किसी भूमाफिया या अनैतिक काम करने वाले समाज विरोधी तत्वों के सामने घुटने नहीं टेकेंगे। उनके लिए जनता जनार्दन ही भगवान है, और जनता के हितों के विरुद्ध काम करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रधान ने यह भी कहा कि, आवश्यकता पड़ी तो वह शासन प्रशासन की मदद लेकर गरीब जनता के साथ मिलकर भू माफियाओं के हौसले पस्त करेंगे, और उनके विरुद्ध फर्जी अफवाह रूपी खबरें चलाने वालों के विरुद्ध न्यायालय की भी शरण लेंगे।